Edited By jyoti choudhary,Updated: 20 Mar, 2025 10:42 AM

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने वित्त वर्ष 2024-25 के लिए यूपीआई पेमेंट को प्रोत्साहित करने के लिए एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। सरकार ने 1,500 करोड़ रुपए के अनुमानित इंसेंटिव स्कीम को मंजूरी दी है, जिससे छोटे...
बिजनेस डेस्कः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने वित्त वर्ष 2024-25 के लिए यूपीआई पेमेंट को प्रोत्साहित करने के लिए एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। सरकार ने 1,500 करोड़ रुपए के अनुमानित इंसेंटिव स्कीम को मंजूरी दी है, जिससे छोटे दुकानदारों को फायदा होगा और डिजिटल भुगतान को बढ़ावा मिलेगा। इस पहल का उद्देश्य छोटे व्यापारियों के बीच यूपीआई स्वीकार करने की प्रवृत्ति को बढ़ाना और डिजिटल लेनदेन को सुलभ बनाना है।
2,000 रुपए तक के लेनदेन पर मिलेगी सब्सिडी
सरकार की ओर से जारी बयान के अनुसार, यह योजना ‘व्यक्ति से व्यापारी’ (P2M) तक के 2,000 रुपए तक के BHIM-UPI लेनदेन पर लागू होगी। इस स्कीम के तहत यूपीआई पेमेंट स्वीकार करने वाले छोटे दुकानदारों को प्रति लेनदेन 0.15% का इंसेंटिव मिलेगा।
उदाहरण के तौर पर, यदि कोई ग्राहक 1,000 रुपए का भुगतान यूपीआई से करता है, तो दुकानदार को 1.5 रुपए का इंसेंटिव मिलेगा। इसके अलावा सरकार बैंकों को भी प्रोत्साहन राशि देगी, जिसमें दावे की 80% राशि तुरंत जारी की जाएगी, जबकि शेष 20% राशि तब दी जाएगी जब बैंक टेक्निकल डिक्लाइन दर को 0.75% से कम और सिस्टम अपटाइम को 99.5% से अधिक बनाए रखेगा।
डिजिटल भुगतान को बढ़ावा देने का लक्ष्य
सरकार का लक्ष्य इस योजना के तहत 2024-25 में 20,000 करोड़ रुपए के यूपीआई लेनदेन को प्रोत्साहित करना है। खासतौर पर दूर-दराज के इलाकों में डिजिटल भुगतान को बढ़ावा देने के लिए यह कदम उठाया गया है। यूपीआई लेनदेन से न केवल पैसे सीधे बैंक खाते में आते हैं, बल्कि इसका डिजिटल रिकॉर्ड भी बनता है, जिससे व्यापारियों के लिए भविष्य में लोन प्राप्त करना भी आसान होगा।
असम में नया यूरिया संयंत्र
इसके अलावा सरकार ने असम में 10,601.4 करोड़ रुपए की अनुमानित लागत से एक नया यूरिया संयंत्र स्थापित करने को मंजूरी दी है। यह परियोजना देश में यूरिया के आयात पर निर्भरता कम करने और आत्मनिर्भरता बढ़ाने के उद्देश्य से शुरू की गई है। ब्रह्मपुत्र वैली फर्टिलाइजर कॉरपोरेशन लिमिटेड के परिसर में सालाना 12.7 लाख टन यूरिया उत्पादन क्षमता वाले इस नए अमोनिया-यूरिया संयंत्र की स्थापना की जाएगी। इसे 70:30 के ऋण-इक्विटी अनुपात के साथ संयुक्त उद्यम मॉडल में विकसित किया जाएगा।