Edited By jyoti choudhary,Updated: 05 Jul, 2024 06:18 PM
सरकारी अधिकारी और खिलौना उद्योग घरेलू विनिर्माण तथा निर्यात को बढ़ावा देने के तरीकों पर आठ जुलाई को विस्तृत चर्चा करेंगे। एक अधिकारी ने बताया कि यह बैठक उद्योग संवर्धन एवं आंतरिक व्यापार विभाग (डीपीआईआईटी) की इकाई इन्वेस्ट इंडिया भारतीय खिलौना संघ...
नई दिल्लीः सरकारी अधिकारी और खिलौना उद्योग घरेलू विनिर्माण तथा निर्यात को बढ़ावा देने के तरीकों पर आठ जुलाई को विस्तृत चर्चा करेंगे। एक अधिकारी ने बताया कि यह बैठक उद्योग संवर्धन एवं आंतरिक व्यापार विभाग (डीपीआईआईटी) की इकाई इन्वेस्ट इंडिया भारतीय खिलौना संघ के सहयोग से आयोजित कर रही है। बैठक में खिलौना क्षेत्र में बढ़ते अवसर तथा नियामक विकास, भारत को वैश्विक खिलौना केंद्र कैसे बनाया जाए, भारतीय खिलौना विनिर्माताओं को वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला में कैसे एकीकृत किया जाए जैसे मुद्दों पर चर्चा होगी।
भारतीय खिलौना संघ के वरिष्ठ उपाध्यक्ष नरेश कुमार गौतम ने कहा कि सरकार ने इस क्षेत्र की वृद्धि को बढ़ावा देने के लिए पहले ही कई कदम उठाए हैं। घरेलू उत्पादों के प्रदर्शन के लिए यहां प्रगति मैदान में छह से नौ जुलाई तक एक अंतरराष्ट्रीय मेले का आयोजन किया जा रहा है। इसमें 35 देशों के 150 से अधिक विदेशी खरीदार शामिल होंगे। गौतम ने कहा कि 400 से अधिक घरेलू खिलौना कंपनियां अपने नवोन्मेषी उत्पादों का प्रदर्शन करेंगी। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपने ‘मन की बात' कार्यक्रम में इस क्षेत्र का उल्लेख किया है, जिससे इस श्रम-प्रधान क्षेत्र के विकास को बढ़ावा देने में अतिरिक्त मदद मिली है।
गौतम ने यह भी सुझाव दिया कि सरकार स्टॉल धारकों को वित्तीय सहायता के उपाय भी प्रदान करे। उन्होने कहा कि आठ जुलाई को होने वाली ‘खिलौना उद्योग सीईओ बैठक' में डीपीआईआईटी, इन्वेस्ट इंडिया और घरेलू उद्योग के वरिष्ठ अधिकारी हिस्सा लेंगे। खिलौनों के निर्यात में 2014 से 240 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। इस अवधि में आयात में 52 प्रतिशत की गिरावट आई है। उन्होंने बताया कि महिलाओं के लिए अपार अवसर हैं और अनुमान के अनुसार कार्यबल में करीब 70 प्रतिशत महिलाएं हैं।
इसके अलावा उन्होंने कहा कि नोएडा में एक बड़े ‘खिलौना संकुल' के विकास के लिए निर्माण कार्य शुरू हो गया है। गौतम नोएडा स्थित लिटिल जीनियस टॉयज प्राइवेट लिमिटेड के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) भी हैं। उन्होंने कहा, ‘‘यह भारत का सबसे बड़ा ‘खिलौना संकुल' होगा। करीब 150 लोगों को खिलौना इकाइयां स्थापित करने के लिए जमीन मिल गई है। जल्द ही कई कारखाने खुलेंगे और उत्पादन शुरू होगा।''