Edited By jyoti choudhary,Updated: 18 Mar, 2025 02:50 PM

सरकारी ई-मार्केटप्लेस (GeM) ने वित्त वर्ष 2024-25 के समाप्त होने से 18 दिन पहले ही अपने पोर्टल पर 5 लाख करोड़ रुपए के ग्रॉस मर्चेंडाइज वैल्यू (GMV) का महत्वपूर्ण मील का पत्थर पार कर लिया है। वाणिज्य मंत्रालय ने सोमवार को एक बयान में यह जानकारी दी।...
नई दिल्लीः सरकारी ई-मार्केटप्लेस (GeM) ने वित्त वर्ष 2024-25 के समाप्त होने से 18 दिन पहले ही अपने पोर्टल पर 5 लाख करोड़ रुपए के ग्रॉस मर्चेंडाइज वैल्यू (GMV) का महत्वपूर्ण मील का पत्थर पार कर लिया है। वाणिज्य मंत्रालय ने सोमवार को एक बयान में यह जानकारी दी। GeM की यह उपलब्धि इसे सार्वजनिक खरीद के लिए एक प्रमुख उपकरण के रूप में स्थापित करती है, जो 1.6 लाख से अधिक सरकारी संस्थाओं को सेवा प्रदान कर रहा है।
गौरतलब है कि GeM ने 4 लाख करोड़ रुपए से 5 लाख करोड़ रुपए का आंकड़ा महज 50 दिनों में पार कर लिया, क्योंकि 23 जनवरी 2025 को इसने 4 लाख करोड़ रुपए का लक्ष्य हासिल किया था।
नीतिगत सुधारों से आसान हुई भागीदारी
हाल के महीनों में, GeM ने बाजार की पहुंच बढ़ाने और विक्रेताओं की भागीदारी को आसान बनाने के लिए कई प्रमुख नीतिगत सुधार किए हैं।
मुख्य पहलें
- लेन-देन शुल्क (Transaction Charges) में कमी
- विक्रेता आकलन शुल्क (Vendor Assessment Fees) घटाया गया
- चेतावनी राशि (Caution Money) की शर्तों में राहत
इन सुधारों का विशेष लाभ सूक्ष्म एवं लघु उद्यमों (MSEs), स्टार्टअप्स और महिला उद्यमियों को हुआ है।
GeM पर विक्रेताओं और महिला उद्यमियों की बढ़ती भागीदारी
13 फरवरी 2025 तक GeM पर 22 लाख से अधिक विक्रेता और सेवा प्रदाता पंजीकृत हो चुके हैं।
इसके अलावा, SWAYATT (स्टार्टअप्स, महिलाएं और युवा लाभार्थी) पहल के छठे वर्ष के तहत, GeM ने 29,000 से अधिक स्टार्टअप्स और 1.8 लाख महिला-नेतृत्व वाले उद्यमों को सफलतापूर्वक शामिल किया है। यह पहल सरकार की समावेशी आर्थिक सशक्तिकरण की प्रतिबद्धता को दर्शाती है।
तकनीकी उन्नति से बढ़ी खरीद प्रक्रिया की दक्षता
FY 2024-25 में, GeM ने भारत में किसी सरकारी संगठन द्वारा किए गए सबसे बड़े क्लाउड माइग्रेशन में से एक को सफलतापूर्वक पूरा किया। यह कदम प्लेटफॉर्म की स्केलेबिलिटी और सुरक्षा को बढ़ाएगा, जिससे खरीदारों और विक्रेताओं दोनों को सुरक्षित, विश्वसनीय और निर्बाध अनुभव मिलेगा।
GeM: पारदर्शी और डिजिटल खरीदारी का एक सशक्त मंच
सरकारी ई-मार्केटप्लेस (GeM) भारत में सार्वजनिक खरीद के लिए एक ऑनलाइन प्लेटफॉर्म है, जिसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विजन के तहत शुरू किया गया था। इसे 9 अगस्त 2016 को वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय द्वारा लॉन्च किया गया था, जिसका उद्देश्य खुले और पारदर्शी खरीद तंत्र का निर्माण करना है।