Edited By jyoti choudhary,Updated: 02 Jul, 2024 11:15 AM
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सरकार ने कच्चे पेट्रोलियम पर विंडफॉल टैक्स (WindFall Tax) को बढ़ाने का फैसला लिया है। इस बात की जानकारी सरकार ने सोमवार देर शाम को दी। केंद्र सरकार ने एक नोटिफिकेशन में कहा कि कच्चे पेट्रोलियम पर विंडफॉल टैक्स को 3,250 रुपए से बढ़ाकर 6,000 रुपए...
बिजनेस डेस्कः सरकार ने कच्चे पेट्रोलियम पर विंडफॉल टैक्स (WindFall Tax) को बढ़ाने का फैसला लिया है। इस बात की जानकारी सरकार ने सोमवार देर शाम को दी। केंद्र सरकार ने एक नोटिफिकेशन में कहा कि कच्चे पेट्रोलियम पर विंडफॉल टैक्स को 3,250 रुपए से बढ़ाकर 6,000 रुपए प्रति टन कर दिया है। ये नई दरें 2 जुलाई, 2024 से प्रभावी होंगी। डीजल-पेट्रोल और एटीएफ के निर्यात पर स्पेशल एडिशनल एक्साइज ड्यूटी (SAED) शून्य पर जारी रहेगी।
दूसरी ओर सरकार ने डीजल, पेट्रोल और एटीएफ के एक्सपोर्ट पर स्पेशल एडिशनल एक्साइज ड्यूटी (SAED) को शून्य पर बरकरार रखा है। इसका मतलब है कि अभी डीजल, पेट्रोल और एटीएफ के एक्सपोर्ट को मिल रही छूट आगे भी जारी रहेगी।
15 जून को सरकार ने घटाया था विंडफॉल टैक्स
इससे पहले 15 जून को सरकार ने घरेलू स्तर पर उत्पादित कच्चे तेल पर विंडफॉल टैक्स को 5,200 रुपए से घटाकर 3,250 रुपए प्रति टन कर दिया था। यह टैक्स स्पेशल एडिशनल एक्साइज ड्यूटी के रूप में लगाया जाता है।
भारत ने पहली बार जुलाई 2022 को विंडफॉल टैक्स लगाया
केंद्र ने 1 जुलाई, 2022 को पेट्रोलियम उत्पादों पर विंडफॉल टैक्स लगाने का ऐलान किया था। विंडफॉल टैक्स को हर 2 सप्ताह में संशोधित किया जाता है।
विंडफॉल टैक्स है क्या?
विंडफॉल टैक्स ऐसी कंपनियों या इंडस्ट्री पर लगाया जाता है, जिन्हें किसी खास तरह परिस्थितियों में तत्काल काफी लाभ होता है। भारत की तेल कंपनियां इसका अच्छा उदाहरण हैं। यूक्रेन पर रूस के हमले के बाद अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कच्चे तेल की कीमतों में उछाल आया। इससे तेल कंपनियों को काफी फायदा मिला था। रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण तेल कंपनियां भारी मुनाफा काट रही थीं, इसलिए उन पर विंडफॉल टैक्स लगाया गया था।