Edited By jyoti choudhary,Updated: 22 Mar, 2024 01:55 PM
खान मंत्रालय ने वेदांता समूह की कंपनी हिंदुस्तान जिंक लिमिटेड द्वारा कंपनी को विभिन्न इकाइयों में विभाजित करने के प्रस्ताव को खारिज कर दिया है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। सरकार हिंदुस्तान जिंक में सबसे बड़ी अल्पसंख्यक शेयरधारक...
नई दिल्लीः खान मंत्रालय ने वेदांता समूह की कंपनी हिंदुस्तान जिंक लिमिटेड द्वारा कंपनी को विभिन्न इकाइयों में विभाजित करने के प्रस्ताव को खारिज कर दिया है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। सरकार हिंदुस्तान जिंक में सबसे बड़ी अल्पसंख्यक शेयरधारक है। सरकार के पास कंपनी में 29.54 प्रतिशत हिस्सेदारी है। खान सचिव वी एल कांता राव ने कहा, “हम प्रस्ताव से सहमत नहीं हुए।”
हिंदुस्तान जिंक ने पहले अपने बाजार पूंजीकरण को बढ़ाने के लिए जस्ता और चांदी के कारोबार को अलग-अलग इकाइयों में विभाजित करने की योजना की घोषणा की थी। प्रस्ताव खारिज करने का कारण पूछने पर सचिव ने कहा, “हमारे सामने जो भी बात रखी गई है उससे हम एक शेयरधारक के तौर पर आश्वस्त नहीं हैं।”
हिंदुस्तान जिंक ने पहले कहा था कि उसने कारोबार को विभाजित करने की अपनी योजनाओं का अध्ययन करने के लिए एक प्रमुख सलाहकार फर्म को नियुक्त किया है। इससे पहले, हिंदुस्तान जिंक ने कहा था कि कंपनी के निदेशक मंडल ने "संभावित मूल्य खोलने के लिए अपने कॉरपोरेट ढांचे की व्यापक समीक्षा" करने का निर्णय लिया है।