Edited By jyoti choudhary,Updated: 28 Jun, 2024 05:58 PM
सरकार की कुल सकल देनदारियां दिसंबर के अंत में 166.14 लाख करोड़ रुपए से बढ़कर मार्च 2024 के अंत में 171.78 लाख करोड़ रुपए हो गईं। वित्त मंत्रालय ने यह जानकारी दी। सार्वजनिक ऋण प्रबंधन तिमाही रिपोर्ट (जनवरी-मार्च, 2024) में कहा गया कि यह आंकड़ा तिमाही...
नई दिल्लीः सरकार की कुल सकल देनदारियां दिसंबर के अंत में 166.14 लाख करोड़ रुपए से बढ़कर मार्च 2024 के अंत में 171.78 लाख करोड़ रुपए हो गईं। वित्त मंत्रालय ने यह जानकारी दी। सार्वजनिक ऋण प्रबंधन तिमाही रिपोर्ट (जनवरी-मार्च, 2024) में कहा गया कि यह आंकड़ा तिमाही आधार पर 3.4 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाता है। रिपोर्ट के मुताबिक समीक्षाधीन तिमाही के दौरान सार्वजनिक ऋण कुल सकल देनदारियों का 90.2 प्रतिशत था। इसमें कहा गया कि समीक्षाधीन तिमाही के दौरान, अंतरिम बजट में घोषित उधार योजना के अपेक्षा से कम रहने के चलते भारतीय घरेलू बॉन्ड के प्रतिफल में नरमी आई।
राजकोषीय घाटे के काबू में रहने, एफपीआई प्रवाह और स्थिर मुद्रास्फीति से इसमें मदद मिली। दूसरी ओर, समीक्षाधीन तिमाही के दौरान अमेरिकी ट्रेजरी प्रतिफल अस्थिर रहा, जो मुख्य रूप से फेडरल रिजर्व की कार्रवाई, मुद्रास्फीति और रोजगार डेटा से प्रभावित था। समीक्षाधीन तिमाही के दौरान अमेरिकी 10 वर्षीय प्रतिफल 4.33 प्रतिशत के उच्च स्तर पर पहुंच गया।
रिपोर्ट के मुताबिक नए निर्गमों पर भारित औसत प्रतिफल 2023-24 की तीसरी तिमाही के 7.37 प्रतिशत की तुलना में 2023-24 की चौथी तिमाही में 7.19 प्रतिशत तक नरम हो गया। इसके अलावा, दिनांकित प्रतिभूतियों के निर्गमों की भारित औसत परिपक्वता 2023-24 की चौथी तिमाही में 18.75 वर्ष हो गई। यह 2023-24 की तीसरी तिमाही में 18.80 थी।