Edited By jyoti choudhary,Updated: 21 Jun, 2024 01:36 PM
सरकार ने नई आयकर व्यवस्था को सरल और नौकरीपेशा लोगों के लिए अधिक आकर्षक बनाने के लिए उसमें बदलाव करने की कवायद शुरू कर दी है। इसके लिए कर स्लैब के साथ दरों में भी बदलाव पर विचार किया जा रहा है। बजट तैयार किया जा रहा है और इसी प्रक्रिया के तहत राजस्व...
नई दिल्लीः सरकार ने नई आयकर व्यवस्था को सरल और नौकरीपेशा लोगों के लिए अधिक आकर्षक बनाने के लिए उसमें बदलाव करने की कवायद शुरू कर दी है। इसके लिए कर स्लैब के साथ दरों में भी बदलाव पर विचार किया जा रहा है। बजट तैयार किया जा रहा है और इसी प्रक्रिया के तहत राजस्व भाग देख रहा है कि नई कर व्यवस्था में किस तरह बदलाव किया जा सकता है ताकि नौकरीपेशा लोगों को उसका अधिक से अधिक फायदा मिल सके।
मामले पर चल रही चर्चा से जुड़े एक अधिकारी ने बताया, ‘मंशा यही रही है कि कटौती और छूट खत्म करते हुए न्यूनतम कर दरों वाली ऐसी कर प्रणाली पर पहुंचा जाए, जिसका अंदाजा पहले से हो। प्रणाली की समीक्षा करते समय यही बात ध्यान में रखी जाएगी और इसके लिए कर की दरों में बदलाव पर भी विचार किया जा सकता है।’
मामले की जानकारी रखने वाले एक अन्य अधिकारी ने कहा, ‘ऐसा कदम उठाने के लिए व्यापक चर्चा और गुणा-भाग जरूरी होते हैं… ऐसा कोई भी फैसला जुलाई में आ रहे बजट में लिया जा सकता है या अगले साल फरवरी के बजट में इस तरह का कदम उठाया जा सकता है।’
सभी तरह की छूट को तिलांजलि देने वाली नई कर व्यवस्था 2020 में लागू हुई थी। इसका मकसद कर की दर कम करना था। सरकार ने लोगों को पुरानी कर व्यवस्था छोड़कर नई व्यवस्था अपनाने के लिए लुभाने की कई कोशिश की हैं मगर नतीजा उम्मीद के मुताबिक नहीं रहा है। बजट 2023 में कुछ अहम बदलाव किए गए लेकिन चुनौतियां बनी रहीं।
कितने करदाता पुरानी व्यवस्था छोड़कर नई कर व्यवस्था में चले गए, इसका कोई आधिकारिक आंकडा नहीं है। मगर राजस्व विभाग के अधिकारियों को लगता है कि करीब 60 फीसदी करदाता नई व्यवस्था में शामिल हो चुके हैं। कर विशेषज्ञों का कहना है कि व्यक्तिगत आयकर की अधिकतम दर 30 फीसदी है, जो अभी 15 लाख रुपये कर योग्य आय पर लगने लगती है। यह दर कम से कम 20 लाख रुपये कर योग्य आय पर ही लागू होनी चाहिए।
ईवाई में पार्टनर (टैक्स एवं रेगुलेटरी सर्विसेज) सुधीर कपाड़िया ने कहा, ‘सरकार को व्यक्तिगत आयकर योजना और भी आकर्षक बनाने पर गंभीरता से विचार करना चाहिए, जिसमें आवास ऋण, स्वास्थ्य बीमा और पेंशन के लिए कुछ कटौती का प्रावधान हो। साथ ही उसे स्लैब की संख्या और उनमें कर की दर घटाने तथा अधिकतम दर के लिए न्यूनतम आय सीमा 15 लाख के बजाय 20 लाख रुपये करने के बारे में भी सोचना चाहिए।’
करदाताओं के लिए अब नई कर प्रणाली ही लागू होती है मगर वे अपना फायदा देखकर पुरानी कर प्रणाली भी चुन सकते हैं। पुरानी प्रणाली में करदाताओं को कई तरह की छूट और कटौती का लाभ मिल जाता है, जिससे उनकी कर योग्य आय कम हो जाती है। मगर इस व्यवस्था में कर की दर ऊंची है। 2023 के बजट में नई कर प्रणाली में कई अहम बदलाव किए गए जैसे आयकर कानून की धारा 87ए के तहत 7 लाख रुपए तक की सालाना आय को कर से छूट दी गई थी और 50,000 रुपए की मानक कटौती भी लागू कर दी गई है। इसके अलाना सरकार ने कर की दरें भी बदली हैं।