Edited By jyoti choudhary,Updated: 04 Jul, 2024 11:19 AM
भारत में हरित ऊर्जा को अपनाने में तेजी के दौर में बिजली क्षेत्र आगामी केंद्रीय बजट से अधिक नीतिगत मदद और कर लाभ की उम्मीद कर रहा है। इस क्षेत्र से जुड़ी कंपनियों के अधिकारीगण नवीकरणीय ऊर्जा की आपूर्ति श्रृंखला और अन्य नए क्षेत्रों जैसे हरित...
नई दिल्लीः भारत में हरित ऊर्जा को अपनाने में तेजी के दौर में बिजली क्षेत्र आगामी केंद्रीय बजट से अधिक नीतिगत मदद और कर लाभ की उम्मीद कर रहा है। इस क्षेत्र से जुड़ी कंपनियों के अधिकारीगण नवीकरणीय ऊर्जा की आपूर्ति श्रृंखला और अन्य नए क्षेत्रों जैसे हरित हाइड्रोजन, अपतटीय पवन और ऊर्जा भंडार क्षेत्रों की जीएसटी दरों में बदलाव तथा परियोजनाओं के लिए वित्तीय सहयोग की उम्मीद कर रहे हैं।
हीरो फ्यूचर एनर्जीज के वैश्विक कार्याधिकारी श्रीवत्सन अय्यर ने कहा कि हरित ऊर्जा उद्योग नवीकरणीय ऊर्जा के घटकों में जीएसटी दरें घटने की उम्मीद कर रहा है। अय्यर ने बताया, ‘सोलर मोड्यूल, पवन ऊर्जा टर्बाइन और इलेक्ट्रोलाइजर पर जीएसटी की मौजूदा दर को घटाकर पांच फीसदी लाने पर परियोजनाओं की लागत घट जाएगी और इससे पूरे देश में नवीकरणीय ऊर्जा व हाइड्रोजन की ग्राहकों के लिए लागत कम होगी।’
उन्होंने बताया कि सोलर सेल व मॉड्यूल और हरित हाइड्रोजन से जुड़ी परियोजनाओं पर सीमा शुल्क कम करने या घटाने से सौर परियोजनाओं की आर्थिक व्यवहार्यता बढ़ेगी। इसी तरह की उम्मीद रखते हुए एएमपीआईएन एनर्जी ट्रांजिशन के सीएफओ एसके गुप्ता ने कहा कि सरकार को विशेष रूप से वाणिज्यिक और औद्योगिक क्षेत्र के लिए अनुमोदित मॉडल और निर्माताओं की सूची (एएलएमएम)-अनुमोदित सौर मॉड्यूल को खरीदने के लिए अनिवार्यता को हटाने पर भी विचार करना चाहिए।
उन्होंने कहा कि चूंकि एएलएमएम सूची की कंपनियों की क्षमता कम है और कोई प्रत्यक्ष सब्सिडी नहीं है, इसलिए सरकार को इस अनिवार्यता में ढील देनी चाहिए। एएलएमएम में केवल घरेलू कंपनियां हैं। गुप्ता ने यह भी कहा कि भारत में मॉड्यूल व सेल के प्रमुख उपकरणों के विनिर्माण को बजट में बढ़ावा दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि इसके लिए सतत नीति, नियामकीय, वित्तीय व कर व्यवस्थाओं को बढ़ावा दिया जाए। उन्होंने कहा, ‘भारत में घरेलू उपकरण निर्माण का एक मजबूत इतिहास है, फिर भी नवीकरणीय ऊर्जा निर्माण मशीनरी और उपकरणों पर हमारी निर्भरता लगभग 100 फीसदी है। अगले चरण में, इस निर्भरता को शून्य तक कम किया जाना चाहिए।
हाल के वर्षों में स्वच्छ ऊर्जा के नए क्षेत्रों का विकास हुआ है। इनमें ईंधन जैसे हरित हाइड्रोजन, पौधे आधारित जैव ईंधन और हरित भंडारण सहित अन्य शामिल हैं। ऊर्जा क्षेत्र के विशेषज्ञों का कहना है कि घरेलू उद्योग को तेजी से बढ़ने में मदद देने के लिए आयातित सामान पर शुरुआती सब्सिडी मदद और कर में छूट देनी होगी। अय्यर ने बजट में हरित हाइड्रोजन व बैटरी भंडारण के लिए मदद मिलने की उम्मीद जताई। ईवाई इंडिया के पार्टनर व एनर्जी टैक्स लीडर राजू कुमार ने बताया कि वर्ष 2021 से शुरू किए गए हरित हाइड्रोजन मिशन को आधारभूत ढांचे, भंडारण और यातायात संबंधित चुनौतियों से निपटने के लिए नीतिगत मदद की जरूरत है।