Edited By jyoti choudhary,Updated: 09 Jan, 2025 03:08 PM
म्यूचुअल फंड्स अब भारत में निवेशकों के बीच एक लोकप्रिय विकल्प बन चुके हैं, क्योंकि अधिक से अधिक निवेशक सिस्टमेटिक इन्वेस्टमेंट प्लान्स (SIPs) के जरिए निवेश करने का चयन कर रहे हैं। कई निवेशक अब अपने वित्तीय लक्ष्यों को पूरा करने के लिए उच्च रिटर्न...
बिजनेस डेस्कः म्यूचुअल फंड्स अब भारत में निवेशकों के बीच एक लोकप्रिय विकल्प बन चुके हैं, क्योंकि अधिक से अधिक निवेशक सिस्टमेटिक इन्वेस्टमेंट प्लान्स (SIPs) के जरिए निवेश करने का चयन कर रहे हैं। कई निवेशक अब अपने वित्तीय लक्ष्यों को पूरा करने के लिए उच्च रिटर्न प्राप्त करने के तरीके ढूंढ रहे हैं। बढ़ी हुई जागरूकता और निवेश विकल्पों की लचीलापन ने उच्च रिटर्न वाली निवेश योजनाओं की बढ़ती मांग में महत्वपूर्ण योगदान दिया है।
महंगाई और पारंपरिक निवेश विकल्प भारत में महंगाई ने पारंपरिक बचत विकल्पों जैसे फिक्स्ड डिपॉजिट्स (FDs) और रीक्यूरिंग डिपॉजिट्स (RDs) से मिलने वाले रिटर्न पर प्रभाव डाला है। ये उपकरण, जो पहले अपनी स्थिरता और गारंटीकृत रिटर्न्स के लिए पसंद किए जाते थे, अब महंगाई के साथ कदम नहीं मिला पा रहे हैं। इसके कारण निवेशकों के लिए वास्तविक रिटर्न्स कम हो गए हैं। महंगाई दरों में उच्च स्तर पर रहने के कारण, पारंपरिक निवेश विकल्पों की आकर्षण कम हो गया है।
म्यूचुअल फंड्स की वृद्धि म्यूचुअल फंड्स इस चुनौतीपूर्ण आर्थिक माहौल में निवेशकों के लिए उम्मीद की किरण बन गए हैं। ये विविधीकरण, पेशेवर प्रबंधन और उच्च रिटर्न्स की संभावना प्रदान करते हैं। म्यूचुअल फंड्स निवेशकों की विभिन्न जोखिम लेने की क्षमता और वित्तीय लक्ष्यों को ध्यान में रखते हुए बनाए जाते हैं। इसके परिणामस्वरूप, सिस्टमेटिक इन्वेस्टमेंट प्लान्स (SIPs) में योगदान रिकॉर्ड स्तर तक पहुंच चुका है।
एक रिपोर्ट के अनुसार, 2024 में म्यूचुअल फंड्स में निवेशकों की भागीदारी में महत्वपूर्ण वृद्धि देखी गई। 2023 में 54% से बढ़कर 2024 में यह 62% हो गई। यह वृद्धि म्यूचुअल फंड्स को पारंपरिक बचत तरीकों के मुकाबले एक प्रभावी विकल्प के रूप में स्वीकार्यता को दर्शाती है।
शिक्षा और जागरूकता इस बदलाव का एक प्रमुख कारण भारतीय निवेशकों के बीच वित्तीय साक्षरता में सुधार है। इसके अलावा, डिजिटल प्लेटफार्म और मोबाइल ऐप्स ने म्यूचुअल फंड्स में निवेश को अधिक सरल और पारदर्शी बना दिया है। रियल-टाइम ट्रैकिंग, आसान रिडेम्पशन विकल्प और रिसर्च और विश्लेषण के लिए कई संसाधन निवेशकों को सक्षम बना रहे हैं, जिसके परिणामस्वरूप अधिक सूचित निर्णय लिए जा रहे हैं।
अन्य निवेश विकल्पों पर प्रभाव म्यूचुअल फंड्स की वृद्धि ने कई निवेशकों के लिए निवेश के विकल्प को बढ़ा दिया है। हालांकि, इसके कारण अन्य विकल्पों में रुचि में कमी आई है। फिक्स्ड डिपॉजिट्स और पोस्टल सेविंग्स स्कीम्स ने निवेशक शेयरों का हिस्सा घटा दिया है। यहां तक कि सीधे स्टॉक मार्केट निवेशों में भी कमी आई है, क्योंकि म्यूचुअल फंड्स इक्विटीज के मुकाबले कम उतार-चढ़ाव वाले और पेशेवर रूप से प्रबंधित निवेश प्रदान करते हैं।
जीवन बीमा उत्पादों, खासकर एंडोमेंट प्लान्स और यूनिट लिंक्ड इंश्योरेंस प्लान्स (ULIPs) में भी गिरावट आई है। निवेशक अब पारदर्शी और उच्च रिटर्न वाले विकल्पों की ओर बढ़ रहे हैं। गोल्ड, जो पारंपरिक रूप से एक सुरक्षित निवेश विकल्प माना जाता है, में उतार-चढ़ाव देखने को मिला है, हालांकि यह पोर्टफोलियो विविधीकरण का एक अहम हिस्सा बना हुआ है।