Edited By jyoti choudhary,Updated: 17 Sep, 2021 01:28 PM
केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में आज जीएसटी परिषद की 45वीं बैठक लखनऊ में शुरू हुई, जिसमें नारियल तेल सहित चार दर्जन से अधिक वस्तुओं पर कर दरों की समीक्षा की जाएगी और इस दौरान 11 कोविड दवाओं पर कर छूट को 31 दिसंबर तक बढ़ाया जा...
बिजनेस डेस्कः केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में आज जीएसटी परिषद की 45वीं बैठक लखनऊ में शुरू हुई, जिसमें नारियल तेल सहित चार दर्जन से अधिक वस्तुओं पर कर दरों की समीक्षा की जाएगी और इस दौरान 11 कोविड दवाओं पर कर छूट को 31 दिसंबर तक बढ़ाया जा सकता है।
जीएसटी परिषद की 45वीं बैठक में गुजरात को छोड़कर लगभग सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के वित्त मंत्री और केंद्र सरकार तथा राज्यों के वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए। कोविड-19 महामारी के बाद आमने-सामने बैठकर हो रही यह परिषद की पहली बैठक है। इस तरह की आखिरी बैठक 20 महीने पहले 18 दिसंबर 2019 को हुई थी। उसके बाद से परिषद की बैठक वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए ही हो रही थी।
इन पर लग सकता है 5% जीएसटी
जीएसटी परिषद शुक्रवार को हो रही बैठक के दौरान एक जुलाई 2022 से राज्यों को देय मुआवजे के तौर-तरीकों पर भी चर्चा करेगी। बैठक में एकल राष्ट्रीय जीएसटी कर के तहत पेट्रोल और डीजल पर कर लगाने और जोमैटो तथा स्विगी जैसे खाद्य डिलीवरी ऐप को रेस्टोरेंट के रूप में मानने और उनके द्वारा की गई डिलीवरी पर 5 प्रतिशत जीएसटी लगाने के प्रस्ताव पर भी विचार किया जा सकता है। सूत्रों ने कहा कि इस बैठक में कोविड-19 से जुड़ी आवश्यक सामग्री पर शुल्क राहत की समयसीमा को भी आगे बढ़ाया जा सकता है।
पेट्रोल-डीजल को GST दायरे में लाने पर विचार
देश में इस समय वाहन ईंधन के दाम रिकॉर्ड ऊंचाई पर हैं। वर्तमान में राज्यों द्वारा पेट्रोल, डीजल की उत्पादन लागत पर वैट नहीं लगता बल्कि इससे पहले केंद्र द्वारा इनके उत्पादन पर उत्पाद शुल्क लगाया जाता है, उसके बाद राज्य उस पर वैट वसूलते हैं। केरल उच्च न्यायालय ने जून में एक रिट याचिका पर सुनवाई के दौरान जीएसटी परिषद से पेट्रोल और डीजल को जीएसटी के तहत लाने पर फैसला करने को कहा था। सूत्रों ने कहा कि न्यायालय ने परिषद को ऐसा करने को कहा है। ऐसे में इसपर परिषद की बैठक में विचार हो सकता है।