Edited By jyoti choudhary,Updated: 24 Sep, 2024 11:37 AM
बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी की अध्यक्षता में छह सदस्यीय मंत्रियों का समूह (GoM) गोवा में मंगलवार और बुधवार को जीएसटी दरों की समीक्षा करेगा। उर्वरक, हैंडलूम और टेक्सटाइल सहित 100 से अधिक उत्पादों पर कर दरों को लेकर चर्चा की जाएगी। इस पैनल की...
बिजनेस डेस्कः बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी की अध्यक्षता में छह सदस्यीय मंत्रियों का समूह (GoM) गोवा में मंगलवार और बुधवार को जीएसटी दरों की समीक्षा करेगा। उर्वरक, हैंडलूम और टेक्सटाइल सहित 100 से अधिक उत्पादों पर कर दरों को लेकर चर्चा की जाएगी। इस पैनल की सिफारिशें नवंबर में होने वाली 55वीं वस्तु एवं सेवा कर (GST) काउंसिल की बैठक में पेश की जाएंगी। बैठक में रियल एस्टेट से जुड़े मामलों पर भी चर्चा होगी, जिसमें एक मुआवजा योजना भी शामिल हो सकती है, जो इस सेक्टर पर गहरा प्रभाव डाल सकती है। इस मामले से सीधे तौर पर जुड़े एक सूत्र के मुताबिक, ‘इस बैठक में 90-100 उत्पादों की दर को तार्किक बनाने के असर की समीक्षा किए जाने की उम्मीद है।
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समिति में उत्तर प्रदेश के वित्त मंत्री सुरेश कुमार खन्ना, राजस्थान के स्वास्थ्य मंत्री गजेंद्र सिंह खीमसर और केरल के वित्त मंत्री के.एन. बालगोपाल शामिल हैं। वर्तमान में GST का चार-स्तरीय कर ढांचा है जिसमें 5, 12, 18 और 28 प्रतिशत की दरें हैं। आवश्यक वस्तुओं पर या तो छूट दी गई है या उन्हें सबसे निचली दर पर टैक्स किया गया है, जबकि विलासिता और हानिकारक वस्तुओं पर उच्चतम 28% की दर लागू होती है और उन पर अतिरिक्त उपकर भी लगाया जाता है।
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Deloitte India के पार्टनर हरप्रीत सिंह के अनुसार, "GST दरों को तर्कसंगत बनाना समिति के लिए आसान नहीं होगा, क्योंकि सामाजिक-आर्थिक कारक महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। कुछ उत्पादों की दरों में बदलाव संभव हो सकता है लेकिन 12% और 18% की दरों को मिलाना या 12% और 5% की दरों को मिलाने जैसे बड़े सुधारों में समय लग सकता है।" सिंह ने कहा कि दैनिक उपभोग की आवश्यक वस्तुओं की छूट सूची को बदलना भी चुनौतीपूर्ण हो सकता है, क्योंकि इससे इनपुट टैक्स क्रेडिट अवरुद्ध हो सकते हैं।
वर्तमान में औसत GST दर लगभग 12.2% है, जो राजस्व-तटस्थ दर 15.3% से कम है, जिसके कारण GST दरों के तर्कसंगतकरण पर चर्चा की आवश्यकता पड़ी है।