Edited By jyoti choudhary,Updated: 17 Aug, 2020 11:26 AM
जल्द ही पुराने सोने और ज्वैलरी बेचने पर वस्तु एवं सेवा कर (GST) लग सकता है। जीएसटी की अगली बैठक में इसका फैसला हो सकता है। केरल के वित्त मंत्री थॉमस इसाक ने बताया कि राज्यों के वित्त मंत्रियों के एक समूह (जीओएम) में पुराने
बिजनेस डेस्कः जल्द ही पुराने सोने और ज्वैलरी बेचने पर वस्तु एवं सेवा कर (GST) लग सकता है। जीएसटी की अगली बैठक में इसका फैसला हो सकता है। केरल के वित्त मंत्री थॉमस इसाक ने बताया कि राज्यों के वित्त मंत्रियों के एक समूह (जीओएम) में पुराने सोने और आभूषणों की बिक्री पर तीन फीसदी जीएसटी लगाने के प्रस्ताव पर लगभग सहमति बन चुकी है। इसका मतलब यह है कि लोगों को पुरानी ज्वैलरी बेचने पर मुनाफा पहले से कम हो जाएगा।
यह भी पढ़ें- ब्रिटेन के बाद अब जापान में कोरोना वायरस ने मचाया हाहाकार, GDP में 27.8% की गिरावट
न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक इस मंत्री समूह में केरल, बिहार, गुजरात, पंजाब, कर्नाटक और पश्चिम बंगाल के वित्त मंत्री शामिल हैं। इस मंत्री समूह का गठन सोने और बहुमूल्य रत्नों के परिवहन के लिए ई-वे बिल के क्रियान्वयन की समीक्षा के लिए किया गया था। मंत्री समूह की बैठक वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए हुई।
यह भी पढ़ें- PM किसान निधि की किस्त न मिलने पर ऐसे करें शिकायत
इस तरह वसूली जा सकती है जीएसटी
इसाक ने बताया, 'यह तय किया गया है कि पुराने सोने की बिक्री पर 3 फीसदी का जीएसटी आरसीएम (रिवर्स चार्ज मेकैनिज्म) के द्वारा लगाया जाए। अब कमेटी के अधिकारी इसके तौर-तरीकों पर विचार करेंगे।' यानी नई व्यवस्था लागू होने के बाद अगर कोई ज्वैलर पुराने आभूषण आपसे खरीदता है तो वह रिवर्स शुल्क के रूप में तीन फीसदी जीएसटी आपसे वसूल करेगा। आप एक लाख रुपए की पुराने आभूषण बेचते हैं तो जीएसटी के रूप में 3000 रुपए काट लिए जाएंगे।
दुकानदारों के लिए ई-वे बिल भी अनिवार्य
जीओएम ने यह भी फैसला किया है कि सोने और आभूषण की दुकानों को प्रत्येक खरीद और बिक्री के लिए ई-इनवॉयस (ई-बिल) निकालना होगा। यह कदम टैक्स चोरी रोकने के लिए उठाया जा सकता है। अभी भी छोटे शहरों से लेकर बड़े शहरों में कई जगह सोने की बिक्री के बाद दुकानदार कच्चा बिल देते हैं। यह पूरी प्रक्रिया कर चोरी रोकने और काला धन खपाने के लिए होती है। अब इस पर रोक लगाने के लिए ई-बिल निकालना अनिवार्य करने की तैयारी है।
बैठक में बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी ने कहा, 'यह फैसला किया गया है कि यदि कोई राज्य सोने के लिए ई-वे बिल का क्रियान्वयन करना चाहता है, तो वह राज्य के भीतर सोने को एक जगह से दूसरी लगह भेजने के मामलों में ऐसा कर सकता है। हालांकि, जीओएम का मानना है कि एक राज्य से दूसरे राज्य में सोने के परिवहन के लिए ई-वे बिल का क्रियान्वयन व्यावहारिक नहीं होगा।'
यह भी पढ़ें- नितिन गडकरी ने किया ऐलान, MSME सेक्टर के तहत 5 करोड़ नई नौकरियां होंगी पैदा