Edited By jyoti choudhary,Updated: 01 Apr, 2025 11:58 AM
देश की अग्रणी स्नैक्स और मिठाई निर्माता हल्दीराम ने अपने बिजनेस में एक बड़ा कदम उठाते हुए दो नए निवेशकों IHC (इंटरनेशनल होल्डिंग कंपनी) और अल्फा वेव ग्लोबल को अपनी 6% हिस्सेदारी बेच दी है। उद्योग सूत्रों के अनुसार, यह डील लगभग 10 अरब डॉलर (85,000...
बिजनेस डेस्कः देश की अग्रणी स्नैक्स और मिठाई निर्माता हल्दीराम ने अपने बिजनेस में एक बड़ा कदम उठाते हुए दो नए निवेशकों IHC (इंटरनेशनल होल्डिंग कंपनी) और अल्फा वेव ग्लोबल को अपनी 6% हिस्सेदारी बेच दी है। उद्योग सूत्रों के अनुसार, यह डील लगभग 10 अरब डॉलर (85,000 करोड़ रुपए) की वैल्यूएशन पर हुई है, जिससे यह भारतीय पैकेज्ड फूड सेक्टर की सबसे बड़ी डील बन गई है। इससे पहले सिंगापुर की निवेश कंपनी टेमासेक ने भी हल्दीराम में हिस्सेदारी खरीदी थी। हालांकि इस सौदे के विवरण का भी खुलासा नहीं किया गया है।
हल्दीराम का विस्तार और नए निवेशक
कंपनी ने अपने बयान में कहा कि टेमासेक के निवेश के बाद, IHC और अल्फा वेव ग्लोबल के शामिल होने से कंपनी की वित्तीय स्थिति और मजबूत होगी। हल्दीराम अमेरिका और मिडिल ईस्ट में अपना बाजार विस्तार करने की योजना बना रही है।
- अल्फा वेव ग्लोबल एक वैश्विक निवेश कंपनी है, जो प्राइवेट इक्विटी, प्राइवेट क्रेडिट और पब्लिक मार्केट में निवेश करती है।
- IHC (इंटरनेशनल होल्डिंग कंपनी) यूएई की सबसे बड़ी निवेश कंपनियों में से एक है।
हल्दीराम का कारोबार और बाजार हिस्सेदारी
- हल्दीराम की स्थापना 1937 में गंगा बिसन अग्रवाल ने की थी और आज यह 100+ देशों में मौजूद है।
- कंपनी 400 से अधिक फूड आइटम्स बेचती है, जिनमें नमकीन, मिठाइयां, स्नैक्स, रेडी-टू-ईट फूड, फ्रोज़न फूड, बिस्कुट, बेवरेज और पास्ता शामिल हैं।
- हल्दीराम की भारतीय स्नैक्स मार्केट में हिस्सेदारी 21% है, जबकि पेप्सिको की 15% हिस्सेदारी है।
भारतीय स्नैक्स मार्केट की स्थिति
- रिसर्च फर्म IMARC ग्रुप के अनुसार, भारत का स्नैक्स बाजार 2023 में 42,694 करोड़ रुपए का था।
- 2032 तक यह 95,521 करोड़ रुपये तक पहुंचने का अनुमान है।
- मार्केट में हल्दीराम का मुकाबला बालाजी वेफर्स, बीकानेरवाला, ITC, पार्ले प्रोडक्ट्स और पेप्सिको से है।
क्या बदलने वाला है?
यह डील हल्दीराम को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपने ब्रांड विस्तार में मदद करेगी और कंपनी को भारतीय स्नैक्स मार्केट में और अधिक मजबूती देगी। साथ ही, यह भारतीय पैकेज्ड फूड इंडस्ट्री में अब तक की सबसे बड़ी निवेश डील में से एक मानी जा रही है।