Edited By jyoti choudhary,Updated: 08 Nov, 2024 11:45 AM
प्राइवेट सेक्टर के सबसे बड़े बैंक एचडीएफसी बैंक (HDFC Bank) से लोन लेना अब महंगा हो गया है। बैंक ने अपनी मार्जिनल कॉस्ट ऑफ लेंडिंग रेट्स (MCLR) में बदलाव किया है। बता दें कि बैंक ने अपने चुनिंदा अवधि वाले कर्ज के लिए एमसीएलआर (MCLR) में इजाफा किया...
बिजनेस डेस्कः प्राइवेट सेक्टर के सबसे बड़े बैंक एचडीएफसी बैंक (HDFC Bank) से लोन लेना अब महंगा हो गया है। बैंक ने अपनी मार्जिनल कॉस्ट ऑफ लेंडिंग रेट्स (MCLR) में बदलाव किया है। बता दें कि बैंक ने अपने चुनिंदा अवधि वाले कर्ज के लिए एमसीएलआर (MCLR) में इजाफा किया है। निजी बैंक ने इसे 5 आधार अंक यानी 0.05 फीसदी बढ़ा दिया है।
कितना बढ़ गया MCLR
एचडीएफसी बैंक की वेबसाइट पर जारी सूचना के अनुसार, एक साल की अवधि के लिए मानक एमसीएलआर दर को 9.45 प्रतिशत पर बरकरार रखा गया है। इसी के आधार पर ज्यादातर कंज्यूमर कर्ज मसलन वाहन और पर्सनल लोन की दरें तय की जाती हैं।
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हालांकि, एक दिन के लिए MCLR 9.10 प्रतिशत से बढ़कर 9.15 प्रतिशत हो गई है, जबकि एक महीने की दर 0.05 प्रतिशत की वृद्धि के साथ अब 9.20 प्रतिशत हो गई है। अन्य मेच्योरिटी अवधि वाले कर्ज के लिए दरों में कोई बदलाव नहीं किया गया है। वहीं, नई दरें 7 नवंबर, 2024 से प्रभावी हो गई हैं।
आपको बता दें यह दर वृद्धि भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की तरफ से लगातार दसवीं बार अपनी पॉलिसी रेट रेपो को 6.5 प्रतिशत पर बरकरार रखने के निर्णय के बाद की गई है।
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MCLR क्या है?
बता दें कि मार्जिनल कॉस्ट ऑफ लेंडिंग रेट्स न्यूनतम ब्याज दर होती है। किसी भी बैंक को इस दर से नीचे लोन देने की अनुमति नहीं है। एक तरह से यह बैंक की लोन देने की न्यूनतम ब्याज दर है।
आरबीआई (RBI) ने लोन के लिए ब्याज दरें तय करने को लेकर 1 अप्रैल 2016 को एमसीएलआर (MCLR) लागू की था। एमसीएलआर में कटौती या इजाफे का सीधा असर लोन लेने वाले ग्राहकों पर पड़ता है। इसमें बढ़ोतरी के कारण ग्राहकों को अपने लोन पर पहले से ज्यादा ईएमआई चुकानी पड़ती है।