Edited By jyoti choudhary,Updated: 29 May, 2024 02:56 PM
देश के सबसे बड़े प्राइवेट बैंक HDFC ने कस्टमर्स के लिए एक बड़ी सुविधा बंद करने का फैसला किया है। बैंक ने कहा है कि वह 25 जून से 100 रुपए से छोटे UPI ट्रांजेक्शन और 500 रुपए से कम डिपॉजिट पर SMS अलर्ट नहीं भेजेगा। हालांकि, ईमेल के जरिए हर ट्रांजैक्शन...
बिजनेस डेस्कः देश के सबसे बड़े प्राइवेट बैंक HDFC ने कस्टमर्स के लिए एक बड़ी सुविधा बंद करने का फैसला किया है। बैंक ने कहा है कि वह 25 जून से 100 रुपए से छोटे UPI ट्रांजेक्शन और 500 रुपए से कम डिपॉजिट पर SMS अलर्ट नहीं भेजेगा। हालांकि, ईमेल के जरिए हर ट्रांजैक्शन का अलर्ट मिलता रहेगा। ऐसे में बैंक ने सभी कस्टमर्स से अपनी मेल ID अपडेट करने के लिए कहा है ताकि उन्हें हर लेन-देन का अलर्ट मेल पर मिलता रहे। बैंक के मुताबिक, ऐसे छोटे ट्रांजेक्शन के अलर्ट पेमेंट एप के जरिए भी दिए जाते हैं। बैंक ने छोटे ट्रांजेक्शन पर मिले फीडबैक के अनुसार यह फैसला लिया है।
छोटे लेन-देन के लिए तेजी से बढ़ा UPI का इस्तेमाल
पिछले कुछ सालों से UPI के जरिए लेन-देन की औसत वैल्यू धीरे-धीरे कम हो रही है। साल 2022 की दूसरी छमाही में यह 1,648 रुपए से 8% कम होकर 2023 की दूसरी छमाही में 1,515 रुपए हो गई है। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि छोटे लेन-देने के लिए UPI इस्तेमाल तेजी से बढ़ा है।
UPI के जरिए अप्रैल में 1,330 करोड़ लेनदेन हुए
अप्रैल 2024 में UPI के जरिए 1,330 करोड़ ट्रांजैक्शन हुए। पिछले साल की सामान अवधि में 886 करोड़ ट्रांजैक्शन हुए थे यानी ट्रांजैक्शन की संख्या में सालाना आधार पर 50.11% की बढ़ोतरी हुई है। वहीं, इस दौरान टोटल ₹19.64 लाख करोड़ की राशि ट्रांसफर की गई। ट्रांसफर की जाने वाली राशि में 38.70% की बढ़ोतरी हुई है।
2016 में लॉन्च हुआ था UPI
यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस यानी UPI को 2016 में लॉन्च किया गया। इसे नेशनल पेमेंट कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) ने बनाया है। इसने आसान तरीके से सीधे बैंक खाते में पैसे ट्रांसफर करने की सुविधा दी। इससे पहले डिजिटल वॉलेट का चलन था। वॉलेट में KYC जैसी झंझट है, जबकि UPI में ऐसा कुछ नहीं करना पड़ता।
UPI को NCPI ऑपरेट करता है
भारत में RTGS और NEFT पेमेंट सिस्टम का ऑपरेशन RBI के पास है। IMPS, RuPay, UPI जैसे सिस्टम को नेशनल पेमेंट कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) ऑपरेट करती है। सरकार ने 1 जनवरी 2020 से UPI ट्रांजैक्शन के लिए एक जीरो-चार्ज फ्रेमवर्क मैंडेटरी किया था।