Edited By jyoti choudhary,Updated: 18 Mar, 2025 10:53 AM

देश में स्वास्थ्य सेवाओं की बढ़ती लागत के साथ हेल्थ इंश्योरेंस का प्रीमियम भी लगातार महंगा होता जा रहा है। इस बढ़ती लागत के चलते कई लोग लोन लेकर अपना हेल्थ कवर बनाए रखने या बढ़ाने की कोशिश कर रहे हैं।
बिजनेस डेस्कः देश में स्वास्थ्य सेवाओं की बढ़ती लागत के साथ हेल्थ इंश्योरेंस का प्रीमियम भी लगातार महंगा होता जा रहा है। इस बढ़ती लागत के चलते कई लोग लोन लेकर अपना हेल्थ कवर बनाए रखने या बढ़ाने की कोशिश कर रहे हैं।
एक रिपोर्ट के अनुसार, Finsall, Bimpay Finsure और InsurFin जैसी फिनटेक स्टार्टअप कंपनियां बीमा प्रीमियम के लिए फाइनेंसिंग की सुविधा दे रही हैं। Finsall और Bimpay हर महीने औसतन 7,000 नए ग्राहक जोड़ रही हैं। एक ग्राहक के लिए औसतन 40,000 रुपए का लोन दिया जा रहा है, जिस पर 12% से 16% के बीच ब्याज दर लागू होती है। ब्याज दर ग्राहक की क्रेडिट प्रोफाइल पर निर्भर करती है।
छोटे शहरों में हेल्थ इंश्योरेंस लोन की मांग बढ़ी
हेल्थ इंश्योरेंस के बढ़ते प्रीमियम के कारण छोटे शहरों में बीमा प्रीमियम फाइनेंसिंग की मांग तेज़ी से बढ़ रही है। BimaPay के CEO हनुत मेहता के अनुसार, उनके 70% ग्राहक टियर-2 और टियर-3 शहरों से आते हैं, जिनमें से 30% ग्राहक पहली बार लोन ले रहे हैं। उन्होंने बताया कि आसान भुगतान विकल्पों की मदद से लोग अपने हेल्थ इंश्योरेंस कवरेज को बढ़ा सकते हैं और बेहतर सुरक्षा प्राप्त कर सकते हैं।
हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम में 25% की बढ़ोतरी
बीमा इंडस्ट्री के अनुसार, पिछले एक साल में 52% पॉलिसीधारकों के हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम में 25% तक की वृद्धि हुई है। Finsall के CEO टिम मैथ्यूज का कहना है कि कोविड के बाद से हर साल हेल्थकेयर खर्च बढ़ रहा है, और हालिया रिपोर्ट के मुताबिक, स्वास्थ्य क्षेत्र में महंगाई 14% तक पहुंच गई है। इस बढ़ती लागत के कारण युवा बड़ी बीमा पॉलिसी खरीद रहे हैं और किश्तों में भुगतान करने के विकल्प को अपना रहे हैं। Finsall ने 15 बीमा कंपनियों के साथ साझेदारी की है ताकि ग्राहकों को हेल्थ इंश्योरेंस फाइनेंसिंग में मदद मिल सके।