Edited By jyoti choudhary,Updated: 20 Jul, 2024 06:08 PM
आम बजट से पहले स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र के विशेषज्ञों ने भारत में एक मजबूत स्वास्थ्य सेवा प्रणाली तैयार करने के लिए सरकारी खर्च में वृद्धि, बेहतर बुनियादी ढांचे और उन्नत नवाचार की जरूरत पर जोर दिया है। उन्होंने कहा कि भारतीय स्वास्थ्य सेवा उद्योग को...
बिजनेस डेस्कः आम बजट से पहले स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र के विशेषज्ञों ने भारत में एक मजबूत स्वास्थ्य सेवा प्रणाली तैयार करने के लिए सरकारी खर्च में वृद्धि, बेहतर बुनियादी ढांचे और उन्नत नवाचार की जरूरत पर जोर दिया है। उन्होंने कहा कि भारतीय स्वास्थ्य सेवा उद्योग को बजट से बहुत अधिक उम्मीद है। इसमें अच्छे इलाज तक पहुंच, गुणवत्ता में वृद्धि और शोध तथा विकास पर जोर देना चाहिए।
एसोसिएशन ऑफ हेल्थकेयर प्रोवाइडर्स - इंडिया (एएचपीआई) के महानिदेशक डॉ गिरधर ज्ञानी ने कहा, ''उभरते स्वास्थ्य खतरों से निपटने और सार्वभौमिक स्वास्थ्य कवरेज हासिल करने के लिए सरकारी खर्च में वृद्धि जरूरी है।'' उन्होंने कहा कि सरकार को स्वच्छता, स्वच्छ पेयजल और पोषण पर ध्यान केंद्रित करते हुए 'स्वस्थ भारत' के निर्माण के लिए एक व्यापक दृष्टिकोण को प्राथमिकता देनी चाहिए।
उन्होंने कहा, ''सार्वजनिक स्वास्थ्य संस्थानों को स्वायत्त राज्य बोर्डों के तहत पेशेवर बनाया जाना चाहिए और सभी एसईसीसी-2011 लाभार्थियों को शामिल करने के लिए आयुष्मान भारत योजना का पुनर्गठन होना चाहिए।'' अपोलो हॉस्पिटल्स ग्रुप की प्रबंध निदेशक सुनीता रेड्डी ने कहा कि देश के आर्थिक स्वास्थ्य और इसके स्वास्थ्य सेवा बुनियादी ढांचे के बीच महत्वपूर्ण संबंध को स्वीकार करना महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि 5,000 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था के लक्ष्य को हासिल करने के लिए एक मजबूत स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र हमारी रणनीति के केंद्र में होना चाहिए।
उजाला सिग्नस ग्रुप ऑफ हॉस्पिटल्स के चेयरमैन और निदेशक प्रबल घोषाल ने सरकार से ग्रामीण क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित करते हुए स्वास्थ्य सेवा खर्च को जीडीपी के 2.5 प्रतिशत तक बढ़ाने का आग्रह किया। आईएमए के अध्यक्ष आर वी अशोकन ने बताया कि सकल घरेलू उत्पाद के मुकाबले स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए आवंटन काफी कम है। इसके अलावा पेयजल, स्वच्छता जैसे स्वास्थ्य निर्धारकों पर किए जाने वाले खर्च को अलग से देना चाहिए। आईएमए ने बजट से पहले अपनी मांगों को लेकर केंद्रीय वित्त मंत्री को एक पत्र भी लिखा है। फोर्टिस हेल्थकेयर के सीईओ और प्रबंध निदेशक आशुतोष रघुवंशी ने जीडीपी के मुकाबले खर्च को 2.5 प्रतिशत तक बढ़ाकर स्वास्थ्य सेवा के बुनियादी ढांचे को प्राथमिकता देने बात कही।