चुनावी नतीजों से पहले शेयर बाजार धड़ाम, सेंसेक्स 74 हजार के नीचे फिसला, गिरावट के ये हैं 5 कारण

Edited By jyoti choudhary,Updated: 30 May, 2024 04:10 PM

heavy fall in stock market bse fell 617 points and closed at 73 885

लोकसभा चुनाव नतीजे आने से पहले शेयर बाजार में डर का माहौल पूरी तरह से हावी है। इसके चलते गुरुवार को लगातार पांचवें दिन बाजार में बड़ी गिरावट रही। सेंसेक्स में इस दौरान करीब 2000 अंकों की अधिक की गिरावट आ चुकी है। आपको बता दें कि आम चुनाव के नतीजे 4...

मुंबईः लोकसभा चुनाव नतीजे आने से पहले शेयर बाजार में डर का माहौल पूरी तरह से हावी है। इसके चलते गुरुवार को लगातार पांचवें दिन बाजार में बड़ी गिरावट रही। सेंसेक्स में इस दौरान करीब 2000 अंकों की अधिक की गिरावट आ चुकी है। आपको बता दें कि आम चुनाव के नतीजे 4 जून को आएंगे। सरकार बनने को लेकर साफ तस्वीर नहीं होने से बाजार में घबराहट है। आज बीएसई सेंसेक्स 617.30 अंक टूटकर 73,885.60 अंक पर बंद हुआ। इसी तरह एनएसई निफ्टी 216.05 अंक गिरकर 22,488.65 अंक पर बंद हुआ। 

आपको बता दें कि कमजोर वैश्विक रुख और विदेशी पूंजी निकासी के बीच बृहस्पतिवार को शुरुआती कारोबार में घरेलू बाजार लाल निशान में खुले। सेंसेक्स में सूचीबद्ध कंपनियों में से टाटा स्टील, जेएसडब्ल्यू स्टील, पावर ग्रिड, टाइटन, नेस्ले इंडिया और बजाज फिनसर्व के शेयरों में सबसे अधिक गिरावट आई। 

शेयर बाजार में गिरावट के पांच कारण 

लोकसभा चुनाव के नतीजों को लेकर अनिश्चितता

लोकसभा चुनाव के छह चरणों के बाद भी बाजार अभी भी इस बात को लेकर आश्वस्त नहीं है कि लोकसभा चुनाव के बाद किसकी सरकार बनेगी। यही वजह है कि भारतीय शेयर बाजार में लगातार पांच सत्रों से गिरावट जारी है।

अमेरिकी ट्रेजरी यील्ड में उछाल

उम्मीद से बेहतर उपभोक्ता कॉन्फिडेंस डेटा और अमेरिकी फेड अधिकारियों की तीखी टिप्पणियों के कारण अमेरिकी ट्रेजरी यील्ड में उछाल आया और यह एक महीने के उच्चतम स्तर पर पहुंच गया। जिसके परिणामस्वरूप मुनाफावसूली हो रही है। 

विदेशी निवेशकों की बिकवाली

मध्य पूर्व में बढ़े तनाव (लाल सागर में जहाज पर एक नया हमला) के कारण तेल की कीमतों में उछाल ने इस बात की चिंता बढ़ा दी कि ब्याज दरें लंबे समय तक ऊंची रहेंगी। इससे विदेशी निवेशक भारतीय बाजार से पैसा निकाल रहे हैं। 

मंथली एक्सपायरी

मंथली एक्सपायरी के कारण इंडेक्स गिर रहे हैं। सेंसेक्स, निफ्टी और अन्य प्रमुख भारतीय सूचकांकों में गिरावट का एक कारण भी है। 

ब्याज दरों में कटौती की उम्मीदों को झटका

कच्चे तेल की बढ़ती कीमतों और मध्य पूर्व में बढ़ते तनाव से अमेरिकी मुद्रास्फीति पर दबाव पड़ने की उम्मीद है। यह फेड की ओर से ब्याज दरों में कटौती को टालने पर मजबूर कर सकता है। इसका असर भी बाजार पर हो रहा है। 

विदेशी निवेशक निकाल रहे पैसा 

एशियाई बाजारों में दक्षिण कोरिया का कॉस्पी, हांगकांग का हैंगसेंग, जापान का निक्की और चीन का शंघाई कम्पोजिट नुकसान में रहे। अमेरिकी बाजार बुधवार को नकारात्मक रुख के साथ बंद हुए। वैश्विक तेल मानक ब्रेंट क्रूड वायदा 0.05 प्रतिशत की गिरावट के साथ 83.55 अमेरिकी डॉलर प्रति बैरल पर कारोबार कर रहा था। शेयर बाजार के आंकड़ों के मुताबिक, विदेशी संस्थागत निवेशक (एफआईआई) पूंजी बाजार में बुधवार को बिकवाल रहे और शुद्ध रूप से 5,841.84 करोड़ रुपए की कीमत के शेयर बेचे। 
 

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