Edited By jyoti choudhary,Updated: 25 Sep, 2024 02:06 PM
हिंदुजा समूह (Hinduja Group) की कंपनी हिंदुजा ग्लोबल सॉल्यूशंस (HGS) के ऊपर करीब 2,500 करोड़ रुपए की टैक्स चोरी (Tax evasion) का आरोप लगा है। इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने करीब 9 महीने चली जांच के बाद आंतरिक रिपोर्ट में यह आरोप लगाया है।
बिजनेस डेस्कः हिंदुजा समूह (Hinduja Group) की कंपनी हिंदुजा ग्लोबल सॉल्यूशंस (HGS) के ऊपर करीब 2,500 करोड़ रुपए की टैक्स चोरी (Tax evasion) का आरोप लगा है। इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने करीब 9 महीने चली जांच के बाद आंतरिक रिपोर्ट में यह आरोप लगाया है।
9 महीने जांच के बाद इंटरनल रिपोर्ट
एक रिपोर्ट के अनुसार, इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने संबंधित इंटरनल रिपोर्ट को इस महीने की शुरुआत में सबमिट की है। डिपार्टमेंट पिछले 9 महीने से मामले की जांच कर रहा था। जांच में इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने पाया कि HGS ने टैक्स चोरी करने के लिए घाटे में चल रही एक एंटिटी को मर्ज किया, जबकि हेल्थकेयर बिजनेस को फायदे के साथ डाइवेस्ट किया गया।
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इस सौदे से जुड़ा हुआ है मामला
हिंदुजा ग्लोबल सॉल्यूशंस ने अपना हेल्थकेयर बिजनेस Betaine BV की पूर्ण स्वामित्व वाली सब्सिडियरीज को बेच दिया था, जो बेयरिंग प्राइवेट इक्विटी एशिया से जुड़ा फंड है। बाद में उसे हिंदुजा ग्लोबल सॉल्यूशंस की डिजिटल मीडिया एंड कम्युनिकेशन बिनेस यूनिट एनएक्सटी डिजिटल के साथ मर्ज कर दिया गया। इनकम टैक्स डिपार्टमेंट का कहना है कि एनएक्सटी डिजिटल घाटे में चल रही कंपनी थी और मर्जर पूरी तरह से टैक्स बचाने के लिए किया गया था।
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पिछले साल किया गया था सर्वे
रिपोर्ट में इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के एक वरिष्ठ अधिकारी के हवाले से बताया गया कि जांच पूरी हो चुकी है। जांच में पाया गया हे कि मर्जर का उद्देश्य सिर्फ टैक्स बचाना था। इसी कारण GAAR के तहत 1,500 करोड़ रुपए की और 1000 करोड़ रुपए के कैपिटल गेन की डिमांड की गई है। इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने इस संबंध में कंपनी के परिसर का नवंबर 2023 में सर्वे किया था।
कंपनी की प्रतिक्रिया
कंपनी का कहना है कि उसे इस तरह का कोई नोटिस नहीं हुआ है। कंपनी का मानना है कि जिस मर्जर की बात हो रही है, वह पूरी तरह से नियमों व कानूनों के हिसाब से है। मर्जर को लेकर पिछले साल इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के सर्वे में सवाल उठाए गए थे। कंपनी ने उनका उचित उत्तर दिया था और जरूरी दस्तावेज पेश किया था। उसके बाद से अभी तक कंपनी को किसी तरह का डिमांड नोटिस नहीं मिला है।