होमबायर्स को मिलेगी राहत! सुपरटेक के 50,000 अपार्टमेंट्स को NBCC अगले तीन वर्षों में पूरा करेगी

Edited By jyoti choudhary,Updated: 09 Sep, 2024 06:34 PM

homebuyers will get relief nbcc will complete 50 000 apartments

मुश्किलों का सामना कर रही रियल एस्टेट कंपनी सुपरटेक लिमिटेड के फ्लैट खरीदने वालों के लिए एक राहत की खबर आई है। सरकारी कंपनी एनबीसीसी (नेशनल बिल्डिंग कंस्ट्रक्शन कॉर्पोरेशन) ने सुपरटेक के 17 प्रोजेक्ट्स को अगले तीन सालों में तीन चरणों में पूरा करने...

बिजनेस डेस्कः मुश्किलों का सामना कर रही रियल एस्टेट कंपनी सुपरटेक लिमिटेड के फ्लैट खरीदने वालों के लिए एक राहत की खबर आई है। सरकारी कंपनी एनबीसीसी (नेशनल बिल्डिंग कंस्ट्रक्शन कॉर्पोरेशन) ने सुपरटेक के 17 प्रोजेक्ट्स को अगले तीन सालों में तीन चरणों में पूरा करने का प्रस्ताव दिया है। इन प्रोजेक्ट्स में लगभग 50,000 अपार्टमेंट्स बनाए जाने हैं।

सुपरटेक लिमिटेड को वर्तमान में एक इनसॉल्वेंसी प्रोफेशनल द्वारा संचालित किया जा रहा है। कंपनी के प्रमोटरों पर वित्तीय अनियमितताओं सहित कई आरोप लगे हैं। एनबीसीसी ने नेशनल कंपनी लॉ अपीलेट ट्रिब्यूनल (NCLAT) से सुपरटेक के प्रोजेक्ट्स में प्रोजेक्ट मैनेजमेंट कंसल्टेंट के रूप में काम करने की अनुमति मांगी है। इससे पहले, एनबीसीसी ने आम्रपाली के प्रोजेक्ट्स को पूरा करने का काम भी किया था, जिससे सुपरटेक के होमबायर्स को भी उम्मीद बंधी है।

परियोजनाओं की लागत और समय सीमा

एनबीसीसी ने सुपरटेक के प्रोजेक्ट्स को पूरा करने की लागत लगभग 9,500 करोड़ रुपए आंकी है, जबकि 16,000 करोड़ रुपए रिसीवेबल्स के रूप में माने गए हैं, जिसमें 10,000 अनबिके अपार्टमेंट्स शामिल हैं जिनसे लगभग 14,000 करोड़ रुपए जुटाए जा सकते हैं। एनबीसीसी के अनुसार, विभिन्न परियोजनाओं को पूरा करने की समय सीमा 12 से 36 महीने तक हो सकती है, जिसमें ‘डे जीरो’ से लेकर परियोजना के लिए आवश्यक मंजूरी और फंड की उपलब्धता तक का समय शामिल है।

फंड की आवश्यकता और सहयोग की अपील

एनबीसीसी ने प्रोजेक्ट्स को पूरा करने के लिए होमबायर्स से सहयोग की अपील की है और फंड की उपलब्धता को प्राथमिकता बताते हुए प्रोजेक्ट अकाउंट में शुरुआती 100 करोड़ रुपए की आवश्यकता जताई है। इसके साथ ही, एनबीसीसी ने स्थानीय अधिकारियों, सुपरटेक और होमबायर्स से भी सहयोग मांगा है। कंपनी ने काम की वास्तविक लागत पर 8% और मार्केटिंग फीस के रूप में 1% शुल्क लगाने का प्रस्ताव रखा है।

समिति का गठन और प्रक्रिया

एनबीसीसी ने एनसीएलएटी द्वारा एक समिति गठित करने का भी प्रस्ताव दिया है, जिसमें बैंकों, कंस्ट्रक्शन इंडस्ट्री के प्रतिनिधियों और इनसॉल्वेंसी प्रोफेशनल्स को शामिल किया जाएगा। यह समिति प्रोजेक्ट्स को पूरा करने, होमबायर्स से पैसे लेने, अनबिके फ्लैट्स को बेचने और बैंकों का बकाया चुकाने के संबंध में निर्णय लेगी। कई होमबायर्स ने एनबीसीसी के इस प्रस्ताव का समर्थन किया है, क्योंकि एनबीसीसी सरकारी कंपनी है और उसने आम्रपाली प्रोजेक्ट्स में भी अच्छी प्रगति दिखाई है।

सुपरटेक के प्रमोटरों पर आरोप

सुपरटेक के प्रमोटर राम किशोर अरोड़ा पर फंड की हेराफेरी सहित कई आरोप लगे हैं। यूनियन बैंक ने सुपरटेक के खिलाफ इनसॉल्वेंसी कार्यवाही शुरू की है, जिसके चलते कंपनी के प्रोजेक्ट्स में देरी हो रही थी। एनबीसीसी के इस कदम से अब उम्मीद है कि होमबायर्स को जल्द ही उनके फ्लैट्स का पजेशन मिल सकेगा।

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