चीन से मिल रही चुनौती के बीच Honda Motor और Nissan का हो सकता है विलय

Edited By jyoti choudhary,Updated: 18 Dec, 2024 01:13 PM

honda motor and nissan may merge amid challenge from china

जापान की दो प्रमुख ऑटो कंपनियां निसान मोटर और होंडा मोटर मर्जर की दिशा में कदम बढ़ा रही हैं। खासकर इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) सेगमेंट में चीन से मिल रही कड़ी प्रतिस्पर्धा ने इन कंपनियों को आपस में मर्जर के लिए मजबूर किया है। एक रिपोर्ट के मुताबिक, दोनों...

बिजनेस डेस्कः जापान की दो प्रमुख ऑटो कंपनियां निसान मोटर और होंडा मोटर मर्जर की दिशा में कदम बढ़ा रही हैं। खासकर इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) सेगमेंट में चीन से मिल रही कड़ी प्रतिस्पर्धा ने इन कंपनियों को आपस में मर्जर के लिए मजबूर किया है। एक रिपोर्ट के मुताबिक, दोनों कंपनियां एक होल्डिंग कंपनी बनाने के लिए बातचीत कर रही हैं, जिसमें मित्सुबिशी मोटर को भी शामिल किया जा सकता है। मर्जर से लागत में कमी और मार्जिन में वृद्धि होने की संभावना जताई जा रही है। मंगलवार के बंद भाव पर इन कंपनियों का संयुक्त मार्केट कैप 50 अरब डॉलर था।

इस मर्जर से सबसे ज्यादा फायदा निसान को होगा। पिछले महीने कंपनी ने 9,000 नौकरियों में कटौती और मैन्यूफैक्चरिंग कैपेसिटी में 20% कमी की घोषणा की थी। इसके बावजूद कंपनी का ऑपरेटिंग मार्जिन के 0.4% रहने का अनुमान है। हालांकि होंडा कुछ बेहतर पोजीशन में है। उसका ऑपरेटिंग मार्जिन 4.6% रहने की उम्मीद है। मार्च में इन दोनों कंपनियों ने ईवी के लिए स्ट्रैटजिक पार्टनरशिप की संभावना तलाशने पर सहमति जताई थी। चीन में ईवी कारों के उत्पादन में बूम आने के बाद लोग पेट्रोल और डीजल कारों को छोड़कर इलेक्ट्रिक कारों का रुख कर रहे हैं।

चीन से डर

दोनों कंपनियों का कहना है कि उनके बीच मर्जर के बारे में बातचीत अभी शुरुआती दौर में है और डील तक पहुंचने की कोई गारंटी नहीं है। हालांकि जानकारों का कहना है कि होंडा और निसान के बीच मर्जर आसान नहीं होगा। इसकी वजह यह है कि इससे बड़ी संख्या में लोगों की नौकरी जा सकती है। साथ ही इस पार्टनरशिप में मित्सुबिशी को भी शामिल किया जा सकता है। इस कंपनी की सबसे बड़ी शेयरहोल्डर निसान है। इस खबर के आने के बाद निसान के शेयरों में 20% और मित्सुबिशी में 13% उछाल आई है। होंडा के शेयरों में 2% गिरावट आई है।

नवंबर में ग्लोबल ईवी सेल्स में चीन की हिस्सेदारी करीब 70% थी। चीन के उभार से होंडा और निसान साथ आ रही हैं। पिछले साल दोनों कंपनियों की ग्लोबल सेल 74 लाख यूनिट रही थी लेकिन चीन से आ रही सस्ती ईवी के कारण उन्हें संघर्ष करना पड़ रहा है। चीन की कंपनी बीवाईडी ने अक्टूबर में सेल के मामले में पहली बार टेस्ला को पीछे छोड़ दिया।
 

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