Edited By Punjab Kesari,Updated: 23 Mar, 2018 12:14 PM
रिलायंस जियो की एंट्री के बाद वोडाफोन और आइडिया का विलय होने जा रहा है।मर्जर के लिए पहले से तय सितंबर 2018 की समय सीमा घटकर जून हो सकती है। आइडिया ने वीरवार को बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज को इसकी जानकारी दी...
नेशनल डेस्क: रिलायंस जियो की एंट्री के बाद वोडाफोन और आइडिया का विलय होने जा रहा है।मर्जर के लिए पहले से तय सितंबर 2018 की समय सीमा घटकर जून हो सकती है। आइडिया ने वीरवार को बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज को इसकी जानकारी दी। इस विलय के बाद बनने वाली कंपनी सबसे बड़ी टेलिकॉम कंपनी बन गई है, जिसके पास करीब 40 करोड़ ग्राहक होंगे।
नई कंपनी के नॉन एक्जिक्यूटिव चेयरमैन कुमार मंगलम बिड़ला होंगे। वहीं सीईओ बालेश शर्मा होंगे जो अभी वोडाफोन के सीओओ हैं। आइडिया के मौजूदा CFO अक्षय मूंदड़ा नई कंपनी के CFO होंगे। अंबरीष जैन को नई कंपनी में COO की जिम्मेदारी मिली है। इसी तरह शशि शंकर मार्केटिंग और ब्रांड स्ट्रैटेजी के प्रमुख होंगे। इसके बाद आइडिया के सीईओ हिमांशु कपानिया और वोडाफोन के सीईओ सुनील सूद फिलहाल अपने पद पर बने रहेंगे।
आईडिया की तरफ से दी गई जानकारी के मुताबिक जब तक दोनो कंपनियों का विलय नहीं हो जाता तब तक दोनो कंपनियों में काम कर रहे अधिकारी अपनी-अपनी कंपनी के लिए जिम्मेवारियां निभाते रहेंगे। बता दें कि 20 मार्च, 2017 को आइडिया और वोडाफोन के विलय को लेकर घोषणा हुई थी। दरअसल जियो इन्फोकॉम ने पिछले साल सितंबर से इस साल मार्च तक अपने ग्राहकों को मुफ्त में वॉयस और डेटा ऑफर किया था। इससे दूसरी टेलिकॉम कंपनियों पर बहुत दबाव बना और माना जा रहा है कि इसी वजह से वोडाफोन और आइडिया ने मर्जर का फैसला किया है।