Edited By jyoti choudhary,Updated: 26 Oct, 2024 03:36 PM
सरकार ने यह स्पष्ट किया है कि आधार नंबर नागरिकता या जन्म तिथि का प्रमाण नहीं है। नए आधार कार्ड और इस पहचान दस्तावेज के PDF संस्करणों में अब एक और स्पष्ट और प्रमुख अस्वीकृति शामिल की गई है कि वे 'पहचान का प्रमाण हैं, नागरिकता या जन्म तिथि का प्रमाण...
नई दिल्लीः सरकार ने यह स्पष्ट किया है कि आधार नंबर नागरिकता या जन्म तिथि का प्रमाण नहीं है। नए आधार कार्ड और इस पहचान दस्तावेज के PDF संस्करणों में अब एक और स्पष्ट और प्रमुख अस्वीकृति शामिल की गई है कि वे 'पहचान का प्रमाण हैं, नागरिकता या जन्म तिथि का प्रमाण नहीं,' जिससे यह संकेत मिलता है कि सरकारी विभागों और अन्य संगठनों को इनका उपयोग उन उद्देश्यों के लिए नहीं करना चाहिए। आधार कभी भी नागरिकता का प्रमाण नहीं रहा है- विदेशी नागरिक भी इसे प्राप्त कर सकते हैं यदि वे भारत में आधे साल से रह रहे हों- लेकिन विभिन्न सरकारी विभाग इसे नागरिकों या वयस्कों के लिए आरक्षित उद्देश्यों के लिए स्वीकार करते हैं। तो फिर आधार किस काम का? सिम कार्ड खरीदने के लिए?
आधार से मिलेगा सिम
हाल ही में दूरसंचार विभाग ने केवाईसी रिफॉर्म में आधार बेस्ड ई-केवाईसी, सेल्फ केवाईसी और ओटीपी बेस्ड सर्विस स्विच की सुविधा शुरू की है। यूजर्स अब नया सिम कार्ड खरीदने के लिए केवल आधार कार्ड का इस्तेमाल कर सकेंगे। टेलीकॉम कंपनियां यूजर्स के डॉक्यूमेंट को आधार बेस्ड पेपरलेस वेरिफिकेशन फीचर का इस्तेमाल करेंगे। इसके लिए केवल 1 रुपए (जीएसटी के साथ) का खर्च आएगा।
दूरसंचार विभाग ने यूजर्स को अपना केवाईसी ऑनलाइन वेरीफाई करने के लिए सेल्फ के-वाईसी की भी सुविधा शुरू की है। यूजर्स डिजिलॉकर का इस्तेमाल करके खुद से अपना केवाईसी वेरीफाई कर सकेंगे। इसके अलावा कोई यूजर अपना नंबर प्रीपेड से पोस्टपेड में या फिर पोस्टपेड से प्रीपेड में स्विच करना चाहते हैं, तो उन्हें टेलीकॉम ऑपरेटर के ऑफिस नहीं जाना होगा। वे ओटीपी बेस्ड वेरिफिकेशन प्रोसेस के जरिए कनेक्शन को स्विच कर पाएंगे।