Edited By jyoti choudhary,Updated: 19 Aug, 2024 12:38 PM
जुलाई 2024 में गोल्ड एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (ETF) में निवेश बढ़कर 1,337.4 करोड़ रुपए हो गया, जो फरवरी 2020 के बाद का सबसे उच्चतम आंकड़ा है। अप्रैल में 395.7 करोड़ रुपए की निकासी के बाद, मई से जुलाई के बीच गोल्ड ईटीएफ में कुल 2,890.9 करोड़ रुपए का...
बिजनेस डेस्कः जुलाई 2024 में गोल्ड एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (ETF) में निवेश बढ़कर 1,337.4 करोड़ रुपए हो गया, जो फरवरी 2020 के बाद का सबसे उच्चतम आंकड़ा है। अप्रैल में 395.7 करोड़ रुपए की निकासी के बाद, मई से जुलाई के बीच गोल्ड ईटीएफ में कुल 2,890.9 करोड़ रुपए का निवेश हुआ है।
शेयर बाजारों में अधिक मूल्यांकन के चलते कई निवेशक अपने पोर्टफोलियो में विविधता लाने के लिए सोने की ओर रुख कर रहे हैं। क्वांटम एसेट मैनेजमेंट कंपनी (एएमसी) के मुख्य निवेश अधिकारी चिराग मेहता ने कहा कि सॉवरिन गोल्ड बॉन्ड (SGB) की उपलब्धता कम होने के कारण गोल्ड ईटीएफ निवेशकों के लिए एक आकर्षक विकल्प बन गया है।
SGB की कीमतें
सॉवरिन गोल्ड बॉन्ड वर्तमान में सोने की कीमत से काफी अधिक मूल्य पर कारोबार कर रहे हैं। सेबी में पंजीकृत निवेश सलाहकार दीपेश राघव के अनुसार, कई चरणों में यह मूल्य 10 से 15 प्रतिशत तक अधिक हो जाता है, जिससे निवेशक गोल्ड ईटीएफ की ओर आकर्षित हो रहे हैं।
बजट की घोषणा
जुलाई में पेश किए गए पूर्ण बजट में सोने के आयात पर सीमा शुल्क में कटौती की घोषणा की गई, जिससे भारत में सोने की कीमतों में करीब 9 प्रतिशत की गिरावट आई है। पांड्या ने बताया कि रूस-यूक्रेन संघर्ष और पश्चिम एशिया में टकराव की आशंका ने भी निवेशकों को सोने की ओर आकर्षित किया है।
निवेशक की सलाह
मनीएडुस्कूल के संस्थापक अर्णव पांड्या ने कहा कि सस्ते दामों पर सोना खरीदने का मौका मिल रहा है। सोने में निवेश के कुछ बुनियादी कारक फिलहाल अनुकूल हैं।
मेहता ने कहा कि ब्याज दर चक्र में बदलाव आ रहा है और मुद्रास्फीति कम हो गई है, जिससे केंद्रीय बैंक ब्याज दरों में कटौती कर सकते हैं। इस स्थिति में सोने जैसे गैर-ब्याज वाले निवेश विकल्पों का प्रदर्शन अच्छा दिख रहा है।
गोल्ड ETF के लाभ
गोल्ड ईटीएफ निवेशकों को थोक मूल्य पर सोना खरीदने का विकल्प प्रदान करते हैं और इसमें तरलता भी अधिक होती है। इसके अलावा, इसमें शुद्धता की चिंताओं को भी दूर किया जा सकता है।
कम लागत और तरलता
गोल्ड ईटीएफ निवेशकों को भौतिक सोने की तरह मेकिंग चार्ज नहीं देना पड़ता और यह गोल्ड फंड-ऑफ-फंड की तुलना में कम खर्चीला है। इसके अलावा, ईटीएफ का कारोबार एक्सचेंज पर होता है, जिससे तरलता अधिक होती है।
SGB और गोल्ड ईटीएफ चयन
निवेशकों को कम व्यय अनुपात वाला और पिछले 5 वर्षों के दौरान बेहतर प्रदर्शन करने वाला गोल्ड ईटीएफ चुनना चाहिए। एसजीबी को परिपक्वता तक बनाए रखने की सलाह दी जाती है, जबकि कम समय के लिए गोल्ड ईटीएफ उपयुक्त हो सकते हैं।