Edited By jyoti choudhary,Updated: 18 Jan, 2025 11:45 AM
भारतीय अर्थव्यवस्था (Indian Economy) में आई अप्रत्याशित सुस्ती ने इसके आर्थिक विकास की दर को उम्मीद से भी ज्यादा धीमी कर दिया है। यह कहना है अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) का। IMF ने शुक्रवार को बताया है कि साल 2024 में भारत की विकास दर 6.5 फीसदी...
बिजनेस डेस्कः भारतीय अर्थव्यवस्था (Indian Economy) में आई अप्रत्याशित सुस्ती ने इसके आर्थिक विकास की दर को उम्मीद से भी ज्यादा धीमी कर दिया है। यह कहना है अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) का। IMF ने शुक्रवार को बताया है कि साल 2024 में भारत की विकास दर 6.5 फीसदी रहने का अनुमान है। एक साल पहले यानी साल 2023 में यह 8.2 फीसदी थी। भारत की आर्थिक वृद्धि की दर कम रहने की मुख्य वजह औद्योगिक गतिविधियों (Industrial Activities) में आई अप्रत्याशित गिरावट है। IMF का अनुमान है कि साल 2026 तक भारत की विकास दर 6.5 प्रतिशत पर बनी रहेगी।
उम्मीद से ज्यादा धीमी
IMF ने अपनी ताज़ा वर्ल्ड इकोनॉमिक आउटलुक (World Economic Outlook) रिपोर्ट में कहा, "भारत में विकास दर उम्मीद से ज़्यादा धीमी हुई है। औद्योगिक गतिविधियों में आई अप्रत्याशित गिरावट इसका मुख्य कारण है।" भारत की विकास दर 2023 के 8.2 फीसदी से गिरकर 2024 में 6.5 फीसदी रहने का अनुमान है।
वैश्विक विकास दर भी कम
आईएमएफ के मुताबिक वैश्विक आर्थिक विकास दर 2025 और 2026 के लिए 3.3 प्रतिशत रहने का अनुमान है। यह 2000-19 के 3.7 प्रतिशत के ऐतिहासिक औसत से कम है। 2025 का अनुमान अक्टूबर 2024 के WEO के समान ही है। अमेरिका के आंकड़ों में बढ़ोतरी और अन्य प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में गिरावट के कारण यह संतुलन बना हुआ है। IMF को उम्मीद है कि 2025 में वैश्विक मुद्रास्फीति घटकर 4.2 प्रतिशत और 2026 में 3.5 प्रतिशत हो जाएगी। विकसित अर्थव्यवस्थाओं के उभरते बाजारों और विकासशील अर्थव्यवस्थाओं की तुलना में जल्दी लक्ष्य दरों को हासिल करने की उम्मीद है।
अमेरिकी अर्थव्यवस्था मजबूत
इसके मुताबिक अमेरिकी अर्थव्यवस्था मजबूत बनी हुई है। इसमें मजबूत संपत्ति प्रभाव और अनुकूल मौद्रिक और वित्तीय स्थितियों का योगदान है। 2025 में इसकी विकास दर 2.7 फीसदी रहने का अनुमान है। IMF के मुख्य अर्थशास्त्री पियरे-ओलिवियर गौरिंचस ने कहा कि मुद्रास्फीति दरों में गिरावट से हालिया वैश्विक व्यवधानों को दूर करने में मदद मिलेगी। इन व्यवधानों में महामारी के प्रभाव और रूस के यूक्रेन पर आक्रमण के परिणाम शामिल हैं, जिससे चार दशकों में मुद्रास्फीति में सबसे बड़ी वृद्धि हुई।
चीन का विकास अनुमान बढ़ाया
चीन के लिए, IMF ने अपने विकास पूर्वानुमान को 0.4 फीसदी अंक बढ़ाकर अगले वर्ष के लिए 4.5 फीसदी विकास का अनुमान लगाया है। यह चीन की अर्थव्यवस्था में सुधार का संकेत देता है।