Edited By jyoti choudhary,Updated: 22 Aug, 2024 12:58 PM
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हाल ही में अमेरिका में मंदी की आशंका जताई गई, जबकि ग्लोबल मार्केट में पहले से ही डिमांड में कमी देखी जा रही है। इसका सीधा असर भारत के रत्न और आभूषण कारोबार पर पड़ा है। रत्न और आभूषण निर्यात संवर्धन परिषद (GJEPC) की रिपोर्ट के अनुसार, जुलाई महीने में...
बिजनेस डेस्कः हाल ही में अमेरिका में मंदी की आशंका जताई गई, जबकि ग्लोबल मार्केट में पहले से ही डिमांड में कमी देखी जा रही है। इसका सीधा असर भारत के रत्न और आभूषण कारोबार पर पड़ा है। रत्न और आभूषण निर्यात संवर्धन परिषद (GJEPC) की रिपोर्ट के अनुसार, जुलाई महीने में इस सेक्टर का एक्सपोर्ट घट गया है। अमेरिका में मंदी की आशंका के चलते सूरत में कई डायमंड फैक्ट्रियों ने इस महीने अपने कर्मचारियों को 10 दिन की छुट्टी पर भेज दिया था।
जीजेईपीसी ने कहा है कि वैश्विक अशांति के बाद उपभोक्ता मांग में कमी के कारण जुलाई में कुल रत्न और आभूषण एक्सपोर्ट में सालाना आधार पर 23.28 प्रतिशत की गिरावट देखी गई है। इस दौरान एक्सपोर्ट घटकर 166.54 करोड़ डॉलर पर आ गया जबकि पिछले साल जुलाई में ये एक्सपोर्ट 217.07 करोड़ डॉलर का हुआ था।
अमेरिका और चीन से हुई डिमांड कम
जीजेईपीसी के चेयरमैन विपुल शाह के अनुसार, अमेरिका और चीन जैसे प्रमुख बाजारों में भू-राजनीतिक उथल-पुथल के कारण डिमांड में कमी आई है। चीन की अर्थव्यवस्था में वर्तमान संघर्ष के कारण मांग में गिरावट देखी जा रही है।
जीजेईपीसी की रिपोर्ट के अनुसार, जुलाई में कट और पॉलिश किए गए हीरों का एक्सपोर्ट 22.71 प्रतिशत घटकर 90.77 करोड़ डॉलर पर आ गया है, जबकि पिछले साल इसी अवधि में यह 117.44 करोड़ डॉलर था। जुलाई में सोने की ज्वैलरी का एक्सपोर्ट भी 12.06 प्रतिशत घटकर 53.04 करोड़ डॉलर पर आ गया, जो पिछले साल की समान अवधि में 60.31 करोड़ डॉलर था।
इस बीच, जीजेईपीसी ने बताया कि हाल ही में 9-13 अगस्त तक आयोजित इंडिया इंटरनेशनल ज्वेलरी शो (आईआईजेएस) प्रीमियर-2024 में लगभग 12 अरब डॉलर (लगभग एक लाख करोड़ रुपये) का कारोबार हुआ। इस शो ने कंबोडिया, ईरान, जापान, मलेशिया, नेपाल, रूस, सऊदी अरब, श्रीलंका, थाईलैंड, तुर्की, ब्रिटेन और उज्बेकिस्तान सहित 13 से अधिक देशों से 50,000 से अधिक खरीदारों और अंतरराष्ट्रीय डेलिगेट्स को आकर्षित किया।
विपुल शाह ने कहा कि आईआईजेएस प्रीमियर-2024 एक बड़ी सफलता रही है, जिसने हमारे प्रदर्शकों के लिए 12 अरब डॉलर से अधिक का कारोबार किया। सोने की कीमतों में गिरावट के बाद कारोबार में मुख्य रूप से सोने के आभूषणों का दबदबा देखा गया।