Edited By jyoti choudhary,Updated: 26 Jun, 2024 05:25 PM
रत्न और आभूषण निर्यातकों ने मंगलवार को आगामी बजट में सोने, चांदी और प्लैटिनम बार पर आयात शुल्क घटाकर चार प्रतिशत करने की मांग की। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के साथ बजट पूर्व बैठक में रत्न और आभूषण निर्यात संवर्धन परिषद ने कहा कि भारतीय रत्न और...
नई दिल्लीः रत्न और आभूषण निर्यातकों ने मंगलवार को आगामी बजट में सोने, चांदी और प्लैटिनम बार पर आयात शुल्क घटाकर चार प्रतिशत करने की मांग की। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के साथ बजट पूर्व बैठक में रत्न और आभूषण निर्यात संवर्धन परिषद ने कहा कि भारतीय रत्न और आभूषण उद्योग कुल वस्तु निर्यात में लगभग 10 प्रतिशत का योगदान देता है। उन्होंने कहा कि हालांकि, उद्योग इस समय भू-राजनीतिक परिदृश्य, लाभकारी योजना और कच्चे हीरे की सोर्सिंग से जुड़े मुद्दों के कारण कुछ चुनौतियों का सामना कर रहा है। ऐसे हालात में परिषद ने सरकार से इस क्षेत्र में निर्यात को पुनर्जीवित करने के लिए उपाय करने का आग्रह किया।
आयात शुल्क घटाकर 4% करने की मांग
इंडस्ट्री ने सोने, चांदी और प्लैटिनम बार पर आयात शुल्क घटाकर चार प्रतिशत करने और भारत-यूएई व्यापक आर्थिक सहयोग समझौते का लाभ उठाने के लिए प्लैटिनम आभूषणों के निर्यात पर शुल्क वापसी योजना पेश करने की मांग की। परिषद ने विशेष अधिसूचित क्षेत्रों (एसएनजेड) में कच्चे हीरे की बिक्री शुरू करने का अनुरोध भी किया।
पीयूष गोयल गुरुवार को करेंगे बैठक
उधर वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल देश के निर्यात को गति देने के उपायों पर चर्चा के लिए गुरुवार को विभिन्न निर्यात संवर्धन परिषदों के प्रतिनिधियों के साथ बैठक करेंगे। उद्योग के एक अधिकारी ने कहा कि निर्यात संगठनों के शीर्ष निकाय फेडरेशन ऑफ इंडियन एक्सपोर्ट ऑर्गेनाइजेशन (फियो) और चमड़ा निर्यात परिषद सहित निर्यात संगठनों के प्रतिनिधि बैठक में भाग लेंगे। निर्यात परिषद के एक अधिकारी के अनुसार वे बैठक में ब्याज छूट योजना को आगे बढ़ाये जाने, चमड़ा और जूता-चप्पल क्षेत्र के लिए उत्पादन आधारित प्रोत्साहन (PLI) योजना तथा कुछ क्षेत्रों में सीमा शुल्क में बदलाव का आग्रह समेत अन्य मामले रखेंगे। वैश्विक अनिश्चितताओं के बावजूद भारत के निर्यात में अच्छी वृद्धि हुई है।
मई में वस्तु निर्यात 9.1 फीसदी बढ़ा
सरकारी आंकड़ों के अनुसार, मई में भारत का वस्तु निर्यात 9.1 प्रतिशत बढ़कर 38.13 अरब डॉलर हो गया। वहीं, व्यापार घाटा इस दौरान सात महीने के उच्चतम स्तर 23.78 डॉलर पर पहुंच गया। वैश्विक स्तर पर आर्थिक अनिश्चितताओं के बावजूद इंजीनियरिंग, इलेक्ट्रॉनिक्स, औषधि, कपड़ा और प्लास्टिक जैसे विभिन्न क्षेत्रों के बेहतर प्रदर्शन ने निर्यात में अच्छी वृद्धि दर्ज करने में मदद की।