Edited By jyoti choudhary,Updated: 18 Nov, 2024 10:53 AM
![important for investors waiting for new installment sovereign gold bond](https://img.punjabkesari.in/multimedia/914/0/0X0/0/static.punjabkesari.in/2024_11image_10_53_323675823sgb-ll.jpg)
चालू वित्त वर्ष का आधा से अधिक समय बीत चुका है लेकिन अभी तक सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड (SGB) की एक भी किश्त जारी नहीं हुई है। दिवाली और धनतेरस जैसे विशेष अवसरों पर भी इसका नया इश्यू नहीं आया, जिससे निवेशक चिंतित हैं। वित्त मंत्रालय के अधिकारियों का कहना है...
बिजनेस डेस्कः चालू वित्त वर्ष का आधा से अधिक समय बीत चुका है लेकिन अभी तक सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड (SGB) की एक भी किश्त जारी नहीं हुई है। दिवाली और धनतेरस जैसे विशेष अवसरों पर भी इसका नया इश्यू नहीं आया, जिससे निवेशक चिंतित हैं। वित्त मंत्रालय के अधिकारियों का कहना है कि यह 'महंगा टूल' बन गया है और इस वित्त वर्ष की दूसरी छमाही के लिए जारी किए गए उधारी कैलेंडर में SGB का कोई उल्लेख नहीं है। इस बारे में एक रिपोर्ट पेश की गई है।
159% रिटर्न ने खींचा निवेशकों का ध्यान हाल ही में जो SGB मैच्योर हुआ, उस पर निवेशकों को 159% का बड़ा रिटर्न मिला। उदाहरण के लिए नवंबर 2016 में SGB का प्रति ग्राम इश्यू प्राइस 3,007 रुपए था, जबकि मैच्योरिटी पर प्रति ग्राम 7,788 रुपए मिला यानी प्रति ग्राम 4,781 रुपए का लाभ हुआ।
क्या इस साल आएगी नई किश्त?
जब वित्त मंत्रालय के अधिकारियों से पूछा गया कि क्या इस साल SGB जारी होगा, तो उन्होंने स्पष्ट किया कि यह रकम जुटाने का महंगा तरीका साबित हो रहा है। इसे कोई सामाजिक सुरक्षा योजना नहीं माना जा सकता, जिसे हर हाल में जारी किया जाए।
आखिरी बार कब आई थी SGB की किश्त?
SGB की अंतिम किश्त 21 फरवरी 2023 को जारी की गई थी। वर्ष 2023-24 में इससे कुल 27,031 करोड़ रुपए (44.34 टन) जुटाए गए थे। नवंबर 2015 से इस योजना के तहत अब तक कुल 67 किश्तें आ चुकी हैं और सरकार ने 72,274 करोड़ रुपए (146.96 टन) जुटाए हैं।
कैसे तय होती है SGB की कीमत?
SGB की कीमत 999 शुद्धता वाले सोने की तीन दिन की औसत वैल्यू के आधार पर तय की जाती है। निवेशकों को परिपक्वता पर बाजार कीमत के साथ 2.5% सालाना ब्याज भी मिलता है, जो सरकार के लिए अतिरिक्त खर्च बन रहा है।
बजट में घटाई गई थी SGB की आवंटन राशि
वित्त वर्ष 2023-24 के बजट में ही गोल्ड बॉन्ड पर कटौती का संकेत दे दिया गया था और अब मंत्रालय के अधिकारी इसे 'महंगा टूल' मानते हुए SGB जारी करने को लेकर अनिच्छा जाहिर कर रहे हैं।