Edited By jyoti choudhary,Updated: 17 Oct, 2024 02:31 PM
भारत और चीन के बीच लंबे समय से चल रही सीमा तनातनी के बावजूद, इसका दोनों देशों के व्यापार पर कोई नकारात्मक असर नहीं पड़ा है। चीन इस साल अप्रैल-सितंबर के दौरान भारत के शीर्ष आयात स्रोत के रूप में उभरा है। इस दौरान कुल 56.29 अरब डॉलर मूल्य का आयात चीन...
बिजनेस डेस्कः भारत और चीन के बीच लंबे समय से चल रही सीमा तनातनी के बावजूद, इसका दोनों देशों के व्यापार पर कोई नकारात्मक असर नहीं पड़ा है। चीन इस साल अप्रैल-सितंबर के दौरान भारत के शीर्ष आयात स्रोत के रूप में उभरा है। इस दौरान कुल 56.29 अरब डॉलर मूल्य का आयात चीन से हुआ है। इसी अवधि में अमेरिका देश के लिए शीर्ष निर्यात गंतव्य के रूप में उभरा है। अमेरिका को निर्यात 5.62 प्रतिशत बढ़कर 40.38 अरब डॉलर हो गया। चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही के दौरान चीन से आयात 11.5 प्रतिशत बढ़ा है। बीते वित्त वर्ष की इसी अवधि में आयात 50.48 अरब डॉलर रहा था।
आंकड़ों के अनुसार, इस अवधि में भारत में होने वाले आयात के शीर्ष 10 स्रोत चीन, रूस, संयुक्त अरब अमीरात, अमेरिका, इराक, सऊदी अरब, इंडोनेशिया, दक्षिण कोरिया, स्विट्जरलैंड और सिंगापुर रहे। चालू वित्त वर्ष में अप्रैल-सितंबर के दौरान रूस से आयात बढ़कर 32.18 अरब डॉलर हो गया, जो एक साल पहले इसी अवधि में 30.43 अरब डॉलर था। इसी तरह, यूएई से होने वाला आयात आलोच्य अवधि में बढ़कर 31.46 अरब डॉलर हो गया। पिछले वित्त वर्ष की पहली छमाही में यह 20.70 अरब डॉलर था।
चीन को एक्सपोर्ट
इस अवधि के दौरान, देश के शीर्ष 10 निर्यात गंतव्य अमेरिका, संयुक्त अरब अमीरात, नीदरलैंड, ब्रिटेन, चीन, सिंगापुर, सऊदी अरब, बांग्लादेश, जर्मनी और दक्षिण अफ्रीका रहे। यूएई को निर्यात चालू वित्त वर्ष में अप्रैल-सितंबर के दौरान बढ़कर 17.24 अरब डॉलर हो गया, जो एक साल पहले इसी अवधि में 15.47 अरब डॉलर था। इसी तरह, चीन को निर्यात आलोच्य अवधि में बढ़कर 6.91 अरब डॉलर रहा जो एक साल पहले 2023-24 में अप्रैल-सितंबर के दौरान 7.63 अरब डॉलर था।
अमेरिका 2023-24 में भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार था। उसके बाद चीन का स्थान था। चीन 2013-14 से 2017-18 और 2020-21 में भारत का शीर्ष व्यापारिक भागीदार था। चीन से पहले, संयुक्त अरब अमीरात देश का सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार था। 2021-22 और 2022-23 में अमेरिका सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार था।