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नवंबर के दूसरे पखवाड़े में ऋण 10.6% और जमा 10.7% बढ़ा

Edited By jyoti choudhary,Updated: 13 Dec, 2024 03:27 PM

in the second fortnight of november loans grew by 10 6 and deposits by 10 7

29 नवंबर को समाप्त हुए पखवाड़े में ऋण वृद्धि धीमी पड़कर सालाना आधार पर 10.64 प्रतिशत रही और यह जमाओं के अनुरूप बढ़ी। आरबीआई के आंकड़ों के अनुसार समान अवधि के दौरान जमाओं में एक साल पहले के मुकाबले 10.72 प्रतिशत वृद्धि दर्ज की गई।

नई दिल्लीः 29 नवंबर को समाप्त हुए पखवाड़े में ऋण वृद्धि धीमी पड़कर सालाना आधार पर 10.64 प्रतिशत रही और यह जमाओं के अनुरूप बढ़ी। आरबीआई के आंकड़ों के अनुसार समान अवधि के दौरान जमाओं में एक साल पहले के मुकाबले 10.72 प्रतिशत वृद्धि दर्ज की गई।

आंकड़ों से पता चलता है कि 29 नवंबर को समाप्त पखवाड़े में बकाया जमा राशि 220.17 लाख करोड़ रुपए थी, जबकि बकाया ऋण 175.09 लाख करोड़ रुपए था। पिछले पखवाड़े (15 नवंबर) में बकाया जमा राशि 218.55 लाख करोड़ रुपए थी, जबकि बकाया ऋण 173.62 लाख करोड़ रुपए था। रिपोर्टिंग पखवाड़े में ऋण वितरण और जमा जुटाने, दोनों के संदर्भ में गिरावट देखी गई।

ऋण वृद्धि कुछ महीने पहले तक जमा वृद्धि से काफी ज्यादा थी। 18 अक्टूबर को समाप्त पखवाड़े में 30 महीनों के बाद जमा वृद्धि ऋण वृद्धि से आगे निकल गई क्योंकि ऋण वृद्धि पिछले साल के अपने ऊंचे स्तर से नीचे आ गई थी। कुल ऋण वृद्धि भी पिछले साल के 16 प्रतिशत से घटकर अब 11 प्रतिशत से नीचे आ गई है।

ऋण वृद्धि में नरमी कई कारणों से आई है, जिनमें आरबीआई द्वारा असुरक्षित ऋणों और गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों को दिए गए ऋणों पर जोखिम भार में वृद्धि, असुरक्षित खुदरा क्षेत्र पर दबाव और बैंकों को उनके ऊंचे ऋण-जमा अनुपात को कम करने का निर्देश शामिल है।

मैक्वेरी कैपिटल के प्रबंध निदेशक एवं फाइनैंशियल सर्विसेज रिसर्च के प्रमुख सुरेश गणपति ने कहा, ‘पहले केवल असुरक्षित ऋणों में ही मंदी थी, अब मंदी सुरक्षित क्षेत्रों में भी फैल रही है। मॉर्गेज वृद्धि 18 प्रतिशत से घटकर 12 प्रतिशत रह गई है, वाहन ऋण (जिसमें सभी प्रकार के वाहन ऋण शामिल हैं) पिछले साल के 20 प्रतिशत से घटकर 11 प्रतिशत पर है, असुरक्षित ऋण वृद्धि पिछले साल 25 प्रतिशत से अधिक थी जो अब घटकर 11 प्रतिशत हो गई है।’

हाल में हुई मौद्रिक नीति समीक्षा बैठक में आरबीआई ने बैंकों के लिए सीआरआर में 50 आधार अंकों की कटौती की। आरबीआई ने सीआरआर को 4.5 प्रतिशत से घटाकर 4 प्रतिशत कर दिया। यह कटौती 25-25 आधार अंकों की दो बराबर किस्तों में की गई है। यह कटौती 14 दिसंबर और 28 दिसंबर से शुरू होने वाले पखवाड़े से प्रभावी होगी। दर कटौती से बैंकिंग व्यवस्था में 1.18 लाख करोड़ रुपए डाले जाने की संभावना है।

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