index funds में बढ़ती रिटेल निवेशकों की भागीदारी, SIP योगदान में वृद्धि

Edited By jyoti choudhary,Updated: 29 Oct, 2024 03:14 PM

increasing retail investor participation in index funds

बढ़ती खुदरा भागीदारी के कारण इंडेक्स फंड अब एसआईपी के जरिये मिल रहे निवेश में ठीक-ठाक योगदान दे रहे हैं। मासिक एसआईपी में उनका योगदान अब करीब 5 फीसदी पर पहुंच चुका है जो एक साल पहले 3.5 फीसदी था।

नई दिल्लीः बढ़ती खुदरा भागीदारी के कारण इंडेक्स फंड अब एसआईपी के जरिये मिल रहे निवेश में ठीक-ठाक योगदान दे रहे हैं। मासिक एसआईपी में उनका योगदान अब करीब 5 फीसदी पर पहुंच चुका है जो एक साल पहले 3.5 फीसदी था।

एसआईपी से आ रहे निवेश में इंडेक्स फंडों ने अपनी हिस्सेदारी बढ़ाने में कामयाबी हासिल की है। सितंबर 2023 के 556 करोड़ रुपए के मुकाबले इनका हिस्सा दोगुना होकर सितंबर 2024 में 1,158 करोड़ रुपए पर पहुंच गया। जुलाई 2024 में पहली बार इंडेक्स फंडों के जरिये एसआईपी निवेश 1,000 करोड़ रुपए के पार निकला था।

कम लागत वाले म्युचुअल फंड क्षेत्र मौजूदा कैलेंडर वर्ष में एनएफओ के केंद्र में रहे हैं क्योंकि फंडों ने नवोन्मेषी पेशकश के लिए पैसिव मार्ग चुना। म्युचुअल फंडों के अधिकारियों के मुताबिक खुदरा भागीदारी में बढ़ोतरी नए फंडों की पेशकश के बीच बढ़ती जागरूकता का नतीजा है।

मोतीलाल ओसवाल एएमसी के प्रमुख (बिजनेस पैसिव फंड) प्रतीक ओसवाल ने कहा कि खुदरा निवेशकों की बढ़ती भागीदारी की कई वजह हैं। पिछले एक साल में कई एनएफओ उतारे जाने के कारण इंडेक्स फंडों को लेकर जागरूकता काफी बढ़ी है। अब एएमसी सिर्फ इंडेक्स फंडों पर ध्यान दे रहे हैं। इंडेक्स फंडों का प्रदर्शन भी कुछ श्रेणियों में बेहतर रहा है। इसके अलावा अब कई निवेशक सीधे जुड़ रहे हैं और इंडेक्स फंड डायरेक्ट आने वाले निवेशकों के क्षेत्र में लोकप्रिय योजना है। पिछले एक साल में (अक्तूबर से सितंबर तक) म्युचुअल फंडों ने 56 इंडेक्स फंड पेश किए हैं। इन योजनाओं के जरिये एनएफओ की अवधि में कुल 9,812 करोड़ रुपए जुटाए गए।

जीरोधा फंड के मुख्य कार्याधिकारी विशाल जैन के मुताबिक इस क्षेत्र में कुछ कामयाब पेशकश इंडेक्स फंडों की अतिर्निहित मांग के बारे में बताती है। जैन ने कहा कि साल 2018 में योजनाओं के श्रेणीकरण के बाद पैसिव और ऐक्टिव थीमेटिक क्षेत्र में अलग तरह की योजनाओं लाने की गुंजाइश सीमित हो गई है। कई इंडेक्स फंडों के मजबूत प्रदर्शन से भी ज्यादा दिलचस्पी पैदा हुई है।

एक साल की अवधि के लिहाज से इंडेक्स फंड और एक्सचेंज ट्रेडेड फंडों का इक्विटी फंड के रिटर्न में वर्चस्व रहा है। लार्जकैप स्पेस में निफ्टी नेक्स्ट-50, निफ्टी अल्फा 50 और निफ्टी 200 मोमेंटम 30 इंडेक्स फंड के अलावा ईटीएफ एक साल के रिटर्न के लिहाज से अग्रणी हैं। स्मॉलकैप और मिडकैप क्षेत्र में कुछ ही सक्रिय पेशकश हैं जो एक साल की अवधि में रिटर्न के मामले में इंडेक्स फंडों से आगे हैं। हालांकि एक्टिव फंडों का प्रदर्शन लंबी अवधि के लिहाज से बेहतर दिख रहा है।

खुदरा निवेशकों की बढ़ती दिलचस्पी निवेश खाते के आंकड़ों में भी स्पष्ट होती है। सक्रिय निवेश खातों की संख्या यानी फोलियो दोगुनी हो गई है और पिछले एक साल में विभिन्न इंडेक्स फंडों में यह 1.12 करोड़ पर जा पहुंची है। पिछले 12 महीने में फोलियो की संख्या 85 फीसदी बढ़ी है। इनकी प्रबंधनाधीन परिसंपत्तियां अक्टूबर 2023-सितंबर 2024 के दौरान 47 फीसदी बढ़कर 2.7 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गई।

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