Edited By jyoti choudhary,Updated: 24 Mar, 2025 11:53 AM

लगातार पांच महीनों की गिरावट के बाद मार्च में भारतीय शेयर बाजार ने जबरदस्त वापसी की है। डॉलर के लिहाज से भारतीय बाजार का कुल मार्केट कैप 9.4% बढ़कर 4.8 लाख करोड़ डॉलर तक पहुंच गया है, जो चार सालों में सबसे बड़ी मासिक बढ़त है। इस तेजी ने भारत को...
बिजनेस डेस्कः लगातार पांच महीनों की गिरावट के बाद मार्च में भारतीय शेयर बाजार ने जबरदस्त वापसी की है। डॉलर के लिहाज से भारतीय बाजार का कुल मार्केट कैप 9.4% बढ़कर 4.8 लाख करोड़ डॉलर तक पहुंच गया है, जो चार सालों में सबसे बड़ी मासिक बढ़त है। इस तेजी ने भारत को दुनिया के टॉप 10 इक्विटी बाजारों में सबसे बेहतरीन प्रदर्शन करने वाला देश बना दिया है।
भारत ने छोड़ा सभी बड़े बाजारों को पीछे
मार्च में भारत की 9.4% की उछाल के मुकाबले जर्मनी का मार्केट कैप 5.64%, जापान 4.9%, हांगकांग 4%, फ्रांस 2.7%, चीन 2.2%, यूके 2%, और कनाडा मात्र 0.44% ही बढ़ सका। दूसरी ओर दुनिया के सबसे बड़े इक्विटी बाजार अमेरिका में 3.7% और सऊदी अरब में 4.4% की गिरावट दर्ज की गई।
मार्च में भारतीय इक्विटी बाजारों में जोरदार तेजी
- सेंसेक्स और निफ्टी – 5% की बढ़त
- BSE मिडकैप – 8.4% उछला
- BSE स्मॉलकैप – 9.8% की जोरदार तेजी
तेजी के पीछे ये रहे कारण
ब्याज दरों में कटौती की उम्मीदें: हाल ही में आए महंगाई के आंकड़े आरबीआई के 4% लक्ष्य से नीचे रहे, जिससे अप्रैल की मौद्रिक नीति बैठक में ब्याज दरों में कटौती की संभावनाएं बढ़ गई हैं।
अमेरिकी फेडरल रिजर्व का नरम रुख: 2025 में दो बार दरों में कटौती के संकेत मिले, जिससे निवेशकों की धारणा मजबूत हुई।
बैंकिंग सिस्टम में नकदी की उपलब्धता: आरबीआई ने VRR, स्वैप और OMOs के जरिए 3 लाख करोड़ रुपये की नकदी सिस्टम में डाली, जिससे लिक्विडिटी बढ़ी।
वैल्यू बॉइंग और मजबूत तिमाही नतीजों की उम्मीदें: निवेशकों ने हालिया गिरावट के बाद अच्छे वैल्यूएशन पर शेयर खरीदे और चौथी तिमाही के नतीजों से बाजार को और मजबूती मिलने की संभावना है।