Edited By jyoti choudhary,Updated: 08 Jun, 2024 11:24 AM
बीते कुछ सालों में भारत के सोने के भंडार में तेजी से बढ़ोतरी हुई है। इसके लिए हालिया समय में सोने की बढ़ी खरीद मुख्य वजह है। सोने की खरीदारी का यह ट्रैक रिकॉर्ड अभी भी बरकरार है और मई महीने के दौरान भी भारी मात्रा में सोने की खरीद की गई है।
बिजनेस डेस्कः बीते कुछ सालों में भारत के सोने के भंडार में तेजी से बढ़ोतरी हुई है। इसके लिए हालिया समय में सोने की बढ़ी खरीद मुख्य वजह है। सोने की खरीदारी का यह ट्रैक रिकॉर्ड अभी भी बरकरार है और मई महीने के दौरान भी भारी मात्रा में सोने की खरीद की गई है।
वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल के आंकड़ों के अनुसार, मई महीने के दौरान भारत दुनिया में सोने का तीसरा सबसे बड़ा खरीदार बनकर उभरा। बीते महीने भारत ने 722 करोड़ रुपए के सोने की खरीदारी की। मात्रा के हिसाब से यह खरीदारी 45.9 टन की हो जाती है। इससे पता चलता है कि भारत अभी भी अपने सोने के भंडार को बढ़ाने के लिए आक्रामक रुख अपनाए हुए है।
भारत से ज्यादा इन्होंने खरीदा सोना
बीते महीने सिर्फ दो ही देश सोना खरीदने के मामले में भारत से आगे रहे। पहले स्थान पर स्विट्जरलैंड रहा, जिसने 312.4 टन सोने की खरीदारी की। वैल्यू में यह खरीदारी 2,461 करोड़ रुपए की हो जाती है। वहीं पड़ोसी देश चीन 2,109 करोड़ रुपए में 86.8 टन सोना खरीदकर दूसरे स्थान पर रहा।
5 साल में इतना बढ़ गया सोने का भंडार
पिछले कुछ सालों के दौरान भारत के सोने के भंडार का साइज काफी बढ़ा है। मार्च 2019 में भारत के पास 618.2 टन सोने का भंडार था। यह भंडार बढ़कर मार्च 2014 तक 822.1 टन पर पहुंच गया था यानी बीते 5 साल में भारत के सोने के भंडार में शानदार 33 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है।
रिजर्व बैंक के गवर्नर ने बताया था कारण
रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने हाल ही में बताया था कि देश के विदेशी मुद्रा भंडार को स्थिरता प्रदान करने और पोर्टफोलियो को डायवर्स बनाने के लिए सोने की ज्यादा खरीदारी की जा रही है। उन्होंने कहा था कि डॉलर के वोलेटाइल होने से रिजर्व बैंक ने सोने के भंडार को बढ़ाने की जरूरत महसूस की।