Edited By jyoti choudhary,Updated: 11 Feb, 2025 01:25 PM

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के टैरिफ वॉर का असर वैश्विक अर्थव्यवस्था पर पड़ सकता है लेकिन भारत, चीन और थाईलैंड जैसे उभरते बाजारों को इसका सबसे ज्यादा नुकसान झेलना पड़ सकता है। ब्रोकरेज फर्म नोमुरा की एक रिपोर्ट के अनुसार, इन देशों की प्रभावी...
बिजनेस डेस्कः अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के टैरिफ वॉर का असर वैश्विक अर्थव्यवस्था पर पड़ सकता है लेकिन भारत, चीन और थाईलैंड जैसे उभरते बाजारों को इसका सबसे ज्यादा नुकसान झेलना पड़ सकता है। ब्रोकरेज फर्म नोमुरा की एक रिपोर्ट के अनुसार, इन देशों की प्रभावी टैरिफ दरें अमेरिका की तुलना में काफी अधिक हैं, जिससे वे ज्यादा प्रभावित हो सकते हैं।
भारत की अमेरिकी निर्यात पर एवरेज टैरिफ दर 9.5 प्रतिशत है। जबकि भारत के अमेरिका में निर्यात पर टैरिफ दर 3 फीसदी है। थाईलैंड में यह स्थिति 6.2 प्रतिशत बनाम 0.9 प्रतिशत और चीन में 7.1 प्रतिशत बनाम 2.9 प्रतिशत है।
नोमुरा के एनालिस्ट्स ने अपने नोट में कहा, "जिन देशों ने अमेरिका के साथ मुक्त व्यापार समझौते (FTA) किए हैं, जैसे कि सिंगापुर और दक्षिण कोरिया, ट्रम्प के जवाबी टैरिफ खतरे से अधिक सुरक्षित हैं।"
भारत का एक्सपोर्ट टैरिफ रेट सबसे अधिक
एनालिस्ट्स का मानना है कि एशिआई अर्थव्यवस्थाओं में भारत बहुत अधिक टैरिफ दर लगाने वाला देश है। इसलिए ट्रंप के टैरिफ रेट में वृद्धि का भारत पर अधिक खतरा है। भारत दुनिया को जितना एक्सपोर्ट करता है उसमे अकेले अमेरिका की हिस्सेदारी लगभग 18 प्रतिशत है (वित्त वर्ष 2023-24 तक GDP का लगभग 2.2 प्रतिशत) और यह भारत का सबसे बड़ा निर्यातक देश भी है।Tari हाल के वर्षों में भारत-अमेरिका व्यापार सरप्लस बढ़कर 2024 में लगभग 38 बिलियन डॉलर के उच्च स्तर पर पहुंच गया है।
भारत के इन सेक्टर्स पर सबसे अधिक खतरा
नोमुरा के चीफ इकनॉमिस्ट सोनल वर्मा के नेतृत्व में एनालिस्ट्स ने कहा, "भारत के अमेरिका को प्रमुख एक्सपोर्ट में इलेक्ट्रिकल/इंडस्ट्रियल मशीनरी, जेम्स और जूलरी, फार्मास्यूटिकल्स, फ्यूल, लोहा और स्टील, कपड़ा, वाहन, अपैरल्स और केमिकल शामिल हैं। इसमें से आयरन, स्टील और एल्युमीनियम की हिस्सेदारी टोटल में से लगभग 5.5 प्रतिशत है।"