Edited By jyoti choudhary,Updated: 22 May, 2024 03:21 PM
देश में मई की शुरुआत में प्याज के निर्यात से प्रतिबंध हटने के बाद 45,000 टन से अधिक प्याज का निर्यात किया गया है। एक शीर्ष सरकारी अधिकारी ने बुधवार को यह जानकारी दी। दुनिया के सबसे बड़े सब्जी निर्यातक ने गत दिसंबर में प्याज के निर्यात पर प्रतिबंध...
नई दिल्लीः देश में मई की शुरुआत में प्याज के निर्यात से प्रतिबंध हटने के बाद 45,000 टन से अधिक प्याज का निर्यात किया गया है। एक शीर्ष सरकारी अधिकारी ने बुधवार को यह जानकारी दी। दुनिया के सबसे बड़े सब्जी निर्यातक ने गत दिसंबर में प्याज के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया था और फिर सुस्त उत्पादन के कारण कीमतों में वृद्धि के बाद मार्च में इसे बढ़ा दिया था।
उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय की सचिव निधि खरे ने कहा, ‘‘प्रतिबंध हटने के बाद से 45,000 टन से अधिक प्याज का निर्यात किया गया है। अधिकतर निर्यात पश्चिम एशिया और बांग्लादेश को किया गया।'' सरकार ने चुनाव के दौरान प्याज की कीमतें कम रखने के लिए चार मई को प्रतिबंध हटा दिया था। हालांकि, प्रति टन पर 550 अमेरिकी डॉलर का न्यूनतम निर्यात मूल्य (एमईपी) लगाया गया था।
खरे ने कहा कि इस साल अच्छे मानसून के पूर्वानुमान से जून से प्याज सहित खरीफ (ग्रीष्मकालीन) फसलों की बेहतर बुवाई सुनिश्चित होगी। उन्होंने कहा कि सार्वजनिक क्षेत्र की एजेंसियों ने चालू वर्ष के लिए लक्षित 5,00,000 टन का भंडार (बफर स्टॉक) रखने के लिए हालिया रबी (सर्दियों) की फसल से प्याज की खरीद शुरू कर दी है। कृषि मंत्रालय के प्राथमिक अनुमान के अनुसार, महाराष्ट्र, कर्नाटक और आंध्र प्रदेश जैसे प्रमुख उत्पादक क्षेत्रों में कम उत्पादन के कारण फसल वर्ष 2023-24 में देश का प्याज उत्पादन सालाना आधार पर 16 प्रतिशत घटकर 2.54 करोड़ टन रहने की उम्मीद है।