Edited By jyoti choudhary,Updated: 28 Mar, 2025 04:28 PM
भारत ने अमेरिकी कृषि उत्पादों जैसे बादाम, क्रैनबेरी, पिस्ता और अखरोट पर आयात शुल्क (टैरिफ) में कटौती का प्रस्ताव दिया है। यह कदम अमेरिका द्वारा संभावित काउंटर टैरिफ से बचने और द्विपक्षीय व्यापार को बढ़ावा देने के लिए उठाया गया है।
बिजनेस डेस्कः भारत ने अमेरिकी कृषि उत्पादों जैसे बादाम, क्रैनबेरी, पिस्ता और अखरोट पर आयात शुल्क (टैरिफ) में कटौती का प्रस्ताव दिया है। यह कदम अमेरिका द्वारा संभावित काउंटर टैरिफ से बचने और द्विपक्षीय व्यापार को बढ़ावा देने के लिए उठाया गया है।
बॉर्बन व्हिस्की के बाद अब ड्राई फ्रूट्स पर भी टैरिफ घटाने की तैयारी
हाल ही में भारत ने अमेरिकी बॉर्बन व्हिस्की पर टैरिफ 150% से घटाकर 100% किया था। अब कृषि उत्पादों पर भी शुल्क में राहत देने पर बातचीत हो रही है। यह चर्चा अमेरिकी व्यापार प्रतिनिधि ब्रेंडन लिंच के साथ हुई बैठकों के दौरान हुई।
दोनों देशों के बीच व्यापार समझौते की दिशा में सकारात्मक संकेत: पीयूष गोयल
वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि वार्ता सही दिशा में आगे बढ़ रही है और इससे दोनों देशों को लाभ होगा। हालांकि डेयरी उत्पादों, चावल, गेहूं और मक्का पर शुल्क कम करने को लेकर भारत में अभी कुछ आपत्तियां बनी हुई हैं। भारत चाहता है कि अमेरिका भारतीय अनाज, अंगूर और अनार को अपने बाजार में ज्यादा एक्सेस दे।
भारत में ड्राई फ्रूट्स के सबसे बड़े आपूर्तिकर्ताओं में अमेरिका शामिल
भारत में बादाम, अखरोट और पिस्ता का बड़ा हिस्सा अमेरिका से आयात होता है। 2022-23 के आंकड़ों के अनुसार, भारत में:
- बादाम का 70-80% (2.5 लाख टन) अमेरिका से आता है।
- अखरोट का 60-70% (25,000 टन) अमेरिकी निर्यात पर निर्भर है।
- पिस्ता का 30-40% अमेरिका से आता है, जबकि 50-60% ईरान से आयात किया जाता है।
10-15% तक सस्ता हो सकता है ड्राई फ्रूट्स
- अगर अमेरिका से आयात शुल्क कम होता है, तो ड्राई फ्रूट्स की कीमतें 10-15% तक गिर सकती हैं।
- बादाम (वर्तमान में ₹1000/kg) घटकर ₹700/kg हो सकता है।
- अखरोट (वर्तमान में ₹800/kg) की कीमत ₹400-500/kg तक आ सकती है।
भारतीय उत्पादकों पर असर लेकिन सीमित रहेगा
हालांकि, टैरिफ कटौती से भारतीय उत्पादकों पर थोड़ा असर पड़ेगा लेकिन भारत में बादाम और पिस्ता का उत्पादन बेहद कम होने के कारण इसका व्यापक प्रभाव नहीं होगा। अखरोट की मांग में 10-20% की कमी हो सकती है, जबकि काजू निर्यात पर भी 5-7% प्रभाव पड़ सकता है।