Edited By jyoti choudhary,Updated: 10 Jul, 2024 10:10 AM
भारत और रूस ने द्विपक्षीय कारोबार को 2030 तक 100 अरब डॉलर तक बढ़ाने, व्यापार में संतुलन लाने, गैर-शुल्क व्यापार बाधाओं को दूर करने और यूरेशियन आर्थिक संघ (ईएईयू)-भारत मुक्त व्यापार क्षेत्र की संभावनाएं तलाशने का लक्ष्य रखा है।
नई दिल्लीः भारत और रूस ने द्विपक्षीय कारोबार को 2030 तक 100 अरब डॉलर तक बढ़ाने, व्यापार में संतुलन लाने, गैर-शुल्क व्यापार बाधाओं को दूर करने और यूरेशियन आर्थिक संघ (ईएईयू)-भारत मुक्त व्यापार क्षेत्र की संभावनाएं तलाशने का लक्ष्य रखा है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रूस के राष्ट्रपति व्लादीमिर पुतिन के बीच कई दौर की वार्ता के बाद मंगलवार को जारी किए गए एक संयुक्त बयान में यह घोषणा की गई कि दोनों देश, राष्ट्रीय मुद्रा का इस्तेमाल कर एक द्विपक्षीय निपटान प्रणाली स्थापित करने और पारस्परिक निपटान प्रक्रिया में डिजिटल वित्तीय उपकरणों को लाने की योजना बना रहे हैं।
मोदी की दो दिवसीय रूस यात्रा के दौरान ऊर्जा, व्यापार, विनिर्माण और उर्वरक क्षेत्र में आर्थिक सहयोग को बढ़ावा देने की बात एजेंडे में हावी रही। दोनों पक्षों ने द्विपक्षीय संतुलित व्यापार के लिए भारत से वस्तुओं की आपूर्ति बढ़ाने और विशेष निवेश प्रणाली के मसौदे के भीतर निवेश को फिर से मजबूत करने की जरूरत पर बल दिया।
इस बीच मोदी ने रूसी राष्ट्रपति को स्पष्ट संदेश देते हुए कहा कि यूक्रेन संघर्ष का समाधान युद्ध क्षेत्र में संभव नहीं है और बम, बंदूकों तथा गोलियों के बीच शांति वार्ता सफल नहीं होती। प्रधानमंत्री मोदी ने वैश्विक समुदाय को आश्वासन दिया कि भारत शांति के पक्ष में है और संघर्ष का समाधान बातचीत से निकाला जाना चाहिए। मोदी ने कहा, ‘शांति बहाली के लिए भारत हरसंभव तरीकों से सहयोग को तैयार है।’
मोदी दो दिवसीय रूस यात्रा पर सोमवार को मॉस्को पहुंचे और मंगलवार को पुतिन के साथ उन्होंने 22वीं भारत-रूस वार्षिक शिखर वार्ता में भाग लिया। यूक्रेन संघर्ष के चलते पश्चिमी देश इस यात्रा पर लगातार नजर रखे हुए हैं। अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर ने मोदी-पुतिन की वार्ता से पहले वाशिंगटन में कहा, ‘हम रूस से वार्ता करने वाले हर देश से जो आग्रह करते हैं वही हम भारत से भी करेंगे कि वह स्पष्ट करे कि यूक्रेन में संघर्ष का कोई भी समाधान ऐसा होना चाहिए जो संयुक्त राष्ट्र चार्टर का सम्मान करता हो, जो यूक्रेन की क्षेत्रीय अखंडता एवं यूक्रेन की संप्रभुता का सम्मान करता हो।’
पुतिन ने यूक्रेन संकट को सुलझाने में मदद के प्रयास के लिए मोदी का आभार जताया। इस बीच, यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदीमिर जेलेंस्की ने मोदी के पुतिन से गले मिलने पर आपत्ति जताई। प्रधानमंत्री ने ऊर्जा क्षेत्र में रूस द्वारा भारत की मदद का भी उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि जब दुनिया खाद्य पदार्थों, ईंधन और उर्वरक की कमी का सामना कर रही थी, तब हमने अपने किसानों के सामने कोई समस्या नहीं आने दी और रूस के साथ हमारी दोस्ती ने इसमें भूमिका निभाई। मोदी ने कहा कि आपके सहयोग से हम पेट्रोल और डीजल की उपलब्धता के मामले में भारत के आम नागरिकों को मुश्किलों से बचा सके।