Edited By jyoti choudhary,Updated: 17 Mar, 2025 11:51 AM

भारत का कच्चे तेल का आयात दिसंबर 2024 में सालाना आधार पर 10.6% घटकर 10.34 अरब डॉलर रह गया, जो दिसंबर 2023 में 11.57 अरब डॉलर था। रूस, सऊदी अरब और कुवैत जैसे पारंपरिक आपूर्तिकर्ताओं द्वारा कम आपूर्ति के कारण यह गिरावट दर्ज की गई।
बिजनेस डेस्कः भारत का कच्चे तेल का आयात दिसंबर 2024 में सालाना आधार पर 10.6% घटकर 10.34 अरब डॉलर रह गया, जो दिसंबर 2023 में 11.57 अरब डॉलर था। रूस, सऊदी अरब और कुवैत जैसे पारंपरिक आपूर्तिकर्ताओं द्वारा कम आपूर्ति के कारण यह गिरावट दर्ज की गई।
रूस से आयात चार महीने में पहली बार घटा
रूस से कच्चे तेल का आयात दिसंबर 2024 में 18.48% गिरकर 3.19 अरब डॉलर रह गया, जबकि दिसंबर 2023 में यह 3.92 अरब डॉलर था। इससे संकेत मिलता है कि रूस से आपूर्ति में गिरावट अमेरिका द्वारा जनवरी 2025 में लगाए गए नए प्रतिबंधों से पहले ही शुरू हो गई थी।
सऊदी अरब और कुवैत से आपूर्ति में भारी गिरावट
भारत को कच्चे तेल की आपूर्ति करने वाले अन्य प्रमुख देशों सऊदी अरब और कुवैत से भी आयात में क्रमशः 43.1% और 38% की कमी आई। मात्रा के हिसाब से भी इन देशों से 36.4% और 33.6% की गिरावट देखी गई।
कीमत और आपूर्ति में बदलाव का असर
दिसंबर 2024 में ब्रेंट क्रूड की कीमत दिसंबर 2023 की तुलना में 4.57 डॉलर प्रति बैरल कम रही। हालांकि, रूस से कच्चे तेल का आयात सिर्फ कीमत की वजह से नहीं, बल्कि मात्रा के हिसाब से भी 12.3% घटा।
रूस की रिफाइनरियों द्वारा घरेलू मांग पूरी करने के लिए निर्यात में कटौती और कीमतों में छूट की कमी भी इसमें अहम कारण रहे। वहीं, इराकी क्रूड की कीमत में 29% वृद्धि के बाद भारतीय रिफाइनरियों ने अपने आयात स्रोतों में बदलाव किया।
अमेरिका के नए प्रतिबंधों का असर
अमेरिका ने 10 जनवरी 2025 को रूस के खिलाफ सख्त प्रतिबंधों की घोषणा की, जिसके तहत रूसी तेल उत्पादकों, टैंकरों, व्यापारियों और 183 जहाजों को निशाना बनाया गया। इससे भारत के लिए रूस से तेल आयात करना और चुनौतीपूर्ण हो सकता है। दिसंबर के आयात आंकड़ों से संकेत मिलता है कि भारत आने वाले महीनों में अन्य स्रोत देशों से कच्चे तेल की आपूर्ति बढ़ा सकता है, जिससे वैश्विक तेल बाजार में नए बदलाव देखने को मिल सकते हैं।