Edited By jyoti choudhary,Updated: 08 Jan, 2025 11:18 AM
हाल ही में जारी एक रिपोर्ट में कहा गया कि 2025 की शुरुआत वैश्विक अनिश्चितताओं के बावजूद भारत की स्थिति मजबूत है। बैंक ऑफ बड़ौदा की रिपोर्ट के अनुसार, 2025 की तीसरी तिमाही (Q3 FY25) में कई आर्थिक संकेतक अच्छे रहे, जैसे जीएसटी संग्रह, सेवा क्षेत्र का...
बिजनेस डेस्कः हाल ही में जारी एक रिपोर्ट में कहा गया कि 2025 की शुरुआत वैश्विक अनिश्चितताओं के बावजूद भारत की स्थिति मजबूत है। बैंक ऑफ बड़ौदा की रिपोर्ट के अनुसार, 2025 की तीसरी तिमाही (Q3 FY25) में कई आर्थिक संकेतक अच्छे रहे, जैसे जीएसटी संग्रह, सेवा क्षेत्र का प्रदर्शन, हवाई यात्रा में वृद्धि और वाहन पंजीकरण में सुधार। दूसरी तरफ, चीन में विनिर्माण क्षेत्र में धीमा विस्तार हो रहा है और घरेलू खपत और रियल एस्टेट क्षेत्र को सुधारने में कठिनाई आ रही है। अमेरिका की अर्थव्यवस्था में मिश्रित संकेत मिल रहे हैं। यूरोप में विनिर्माण क्षेत्र धीमा है लेकिन सेवा क्षेत्र बेहतर कर रहा है।
भारत में चालू खाता घाटा (CAD) दूसरी तिमाही में GDP के 1.2% पर आ गया, जो पिछले साल के मुकाबले थोड़ा कम है। इसके कारण व्यापार घाटा बढ़ा लेकिन सेवाओं के निर्यात और प्रेषण में वृद्धि ने इसे कम किया। 2024 में भारतीय शेयर बाजार, जैसे सेंसेक्स और निफ्टी, अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं। सेंसेक्स ने 85,500 का स्तर पार किया, जो अब तक का सबसे ऊंचा स्तर है। भारतीय रुपए में 2.8% की गिरावट आई लेकिन फिर भी यह अन्य मुद्राओं के मुकाबले बेहतर रहा।
रिपोर्ट के अनुसार, तीसरी तिमाही में कई आर्थिक संकेतकों में सुधार देखा गया है। जीएसटी संग्रह में 8.3% की वृद्धि हुई और यह 5.5 लाख करोड़ रुपए तक पहुंच गया। हवाई यात्री संख्या में भी 11.6% की वृद्धि हुई और सेवा क्षेत्र का पीएमआई 59.2 रहा, जो पिछले साल के मुकाबले बेहतर है।
रिपोर्ट में यह भी कहा गया कि तीसरी तिमाही में कंपनियों के परिणाम अच्छे हो सकते हैं। केंद्रीय बैंक से उम्मीद की जा रही है कि 2025 की दूसरी छमाही में वृद्धि में सुधार होगा और मुद्रास्फीति कम होगी। फरवरी 2025 में ब्याज दरों में 0.25% की कमी की संभावना है। इसके अलावा, सरकारी खर्च में बढ़ोतरी और निवेश में सुधार की उम्मीद है, जिससे दूसरी छमाही में औद्योगिक उत्पादन (IIP) में भी सुधार हो सकता है।