भारत का निर्यात अगस्त में 9.3% घटा, व्यापार घाटा 10 महीनों के उच्च स्तर पर

Edited By jyoti choudhary,Updated: 17 Sep, 2024 04:21 PM

india s exports fall 9 3 to 34 71 billion in august trade deficit widens

देश का वस्तु निर्यात अगस्त महीने में 9.3 प्रतिशत घटकर 34.71 अरब डॉलर रहा। एक साल पहले इसी महीने में यह 38.28 अरब डॉलर था।

नई दिल्लीः वैश्विक आर्थिक अनिश्चितताओं के कारण अगस्त में देश के निर्यात में 13 महीनों की सबसे बड़ी गिरावट दर्ज की गई। इस दौरान निर्यात 9.3 प्रतिशत घटकर 34.71 अरब डॉलर रहा जबकि व्यापार घाटा बढ़कर 10 महीनों के उच्चतम स्तर 29.65 अरब डॉलर पर पहुंच गया।

वाणिज्य मंत्रालय की तरफ से मंगलवार को जारी आंकड़ों के मुताबिक, सोने और चांदी के आयात में उल्लेखनीय उछाल आने से देश का आयात 3.3 प्रतिशत बढ़कर 64.36 अरब डॉलर के रिकॉर्ड उच्च स्तर पर पहुंच गया। पिछले महीने सोने का आयात दोगुने से अधिक बढ़कर 10.06 अरब डॉलर हो गया, जो पिछले साल इसी महीने में 4.93 अरब डॉलर था। 

कच्चे तेल का आयात 32.38% घटा

समीक्षाधीन महीने में चांदी का आयात बढ़कर 72.7 करोड़ डॉलर हो गया, जो अगस्त 2023 में 15.9 करोड़ डॉलर था। हालांकि पेट्रोलियम कीमतें गिरने से कच्चे तेल का आयात अगस्त में 32.38 प्रतिशत घटकर 11 अरब डॉलर रह गया। कीमतों में गिरावट का असर देश के वस्तु निर्यात पर भी पड़ा है। आयात और निर्यात के बीच का अंतर यानी देश का व्यापार घाटा अक्टूबर, 2023 में 30.43 अरब डॉलर रहा था। वहीं इस साल जुलाई में देश के वस्तु निर्यात में 1.5 प्रतिशत की गिरावट आई थी।

पहले पांच महीनों का आंकड़ा

चालू वित्त वर्ष के पहले पांच महीनों (अप्रैल-अगस्त) में देश का निर्यात 1.14 प्रतिशत बढ़कर 178.68 अरब डॉलर हो गया जबकि इस दौरान आयात सात प्रतिशत बढ़कर 295.32 अरब डॉलर रहा। इस तरह अप्रैल-अगस्त 2024 की अवधि में देश का व्यापार घाटा 116.64 अरब डॉलर था, जबकि पिछले साल की समान अवधि में यह 99.16 अरब डॉलर था। 

वाणिज्य सचिव सुनील बर्थवाल ने इन आंकड़ों पर कहा कि मौजूदा वैश्विक स्थिति में निर्यात एक बड़ी चुनौती है। उन्होंने कहा कि चीन में सुस्ती और यूरोपीय संघ एवं अमेरिका में मंदी की स्थिति निर्यात को प्रभावित कर रही है। इसके अलावा तेल की कीमतों में गिरावट और लाल सागर संकट के कारण परिवहन लागत में वृद्धि से भी निर्यात पर असर पड़ रहा है। हालांकि वाणिज्य सचिव ने कहा कि इन समस्याओं के बावजूद चालू वित्त वर्ष के पहले पांच महीनों में भारत के निर्यात में सकारात्मक वृद्धि दर्ज की गई है। उन्होंने कहा कि वाणिज्य मंत्रालय निर्यात बढ़ाने के लिए अफ्रीका जैसे क्षेत्रों में नए बाजारों की खोज पर ध्यान केंद्रित कर रहा है। 

इसके अलावा निर्यात बढ़ाने के लिए शिक्षा, स्वास्थ्य सेवा, पोत परिवहन और परिवहन जैसे 12 चैंपियन सेवा क्षेत्रों की भी पहचान की गई है। व्यापार घाटा बढ़ने के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि यह भारत जैसी उभरती अर्थव्यवस्था के लिए चिंता का विषय नहीं है। उन्होंने कहा, "भारत में खपत की भारी मांग है। यह एक ऐसी अर्थव्यवस्था से आ रही है, जो विश्व अर्थव्यवस्था की तुलना में दोगुनी दर से बढ़ रही है।" 

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