Edited By jyoti choudhary,Updated: 22 Mar, 2025 01:41 PM

माइक्रोसॉफ्ट के सह-संस्थापक और परोपकारी बिल गेट्स ने भारत की तेज़ी से बढ़ती इनोवेशन क्षमता की सराहना करते हुए कहा कि 2047 तक भारत के एक विकसित राष्ट्र बनने से न केवल देश को बल्कि पूरी दुनिया को लाभ मिलेगा।
नई दिल्लीः माइक्रोसॉफ्ट के सह-संस्थापक और परोपकारी बिल गेट्स ने भारत की तेज़ी से बढ़ती इनोवेशन क्षमता की सराहना करते हुए कहा कि 2047 तक भारत के एक विकसित राष्ट्र बनने से न केवल देश को बल्कि पूरी दुनिया को लाभ मिलेगा।
2047 का विजन और भारत की आर्थिक वृद्धि
गेट्स ने एक कार्यक्रम में कहा, "अगर भारत 2047 के अपने विकास लक्ष्य पर कायम रहता है, तो इसका फायदा सिर्फ भारत को ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया को होगा। यहां 20% मानवता लोकतांत्रिक चुनावों में भाग ले रही है, जो भले ही कुछ हद तक अराजक हो लेकिन स्वास्थ्य और शिक्षा जैसे प्रमुख क्षेत्रों को प्राथमिकता देकर एक सकारात्मक बदलाव ला रही है।"
उन्होंने भारत की आर्थिक वृद्धि को लेकर आशावादी रुख अपनाते हुए कहा, “यह एक शानदार स्थिति है जब बहस इस पर हो कि विकास दर 5% होगी या 10%। हालांकि, मुझे नहीं लगता कि यह 10% तक पहुंचेगी, लेकिन यह 5% से नीचे भी नहीं गिरेगी।”
AI और भारत की भूमिका
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) पर बात करते हुए गेट्स ने कहा कि यह तकनीक बड़े बदलाव लाएगी, लेकिन इससे नौकरियों के खत्म होने का डर ज़रूरी नहीं है। "नौकरियां इसलिए होती हैं क्योंकि संसाधनों की कमी होती है। AI की मदद से हम पर्याप्त भोजन और चिकित्सा सुविधा हासिल कर सकते हैं, जिससे सभी को काम करने की मौजूदा जरूरत कम हो सकती है।"
हालांकि, उन्होंने AI के तीव्र विकास को लेकर कुछ चिंताएं भी जताईं। उन्होंने कहा, "अगर मेरे हाथ में होता, तो मैं इसकी गति को थोड़ा धीमा करना पसंद करता।
गेट्स ने भारत की AI रणनीति की सराहना की, खासकर भारतीय भाषाओं के अनुकूल ओपन-सोर्स मॉडल विकसित करने की दिशा में उठाए गए कदमों की। हालांकि, उन्होंने चिप निर्माण उद्योग में अत्यधिक सब्सिडी देने के खिलाफ चेतावनी दी और कहा कि भारत को इसमें तभी प्रवेश करना चाहिए जब वह वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी बना रह सके।
जलवायु परिवर्तन और वैश्विक चुनौतियां
जलवायु परिवर्तन पर गेट्स ने चिंता जताई कि दुनिया 1.5 डिग्री या 2 डिग्री तापमान वृद्धि के लक्ष्य को हासिल नहीं कर पाएगी। "हम 1.5-डिग्री के लक्ष्य को हासिल नहीं कर पाएंगे और शायद 2-डिग्री का भी लक्ष्य चूक जाएंगे लेकिन अगर इनोवेशन मौजूदा गति से जारी रहा, तो जलवायु परिवर्तन विनाशकारी नहीं होगा।" उन्होंने यह भी कहा कि जलवायु परिवर्तन से सबसे ज्यादा नुकसान गरीब देशों को होगा।