Edited By rajesh kumar,Updated: 29 Dec, 2024 02:58 PM
ग्लोबल डेटा रिपोर्ट के अनुसार, भारत का आईपीओ (Initial Public Offering) बाजार 2023 में 5.5 बिलियन डॉलर से बढ़कर 2024 में 11.2 बिलियन डॉलर तक पहुंच गया है, जो कि एक ऐतिहासिक मील का पत्थर है। 2025 में इस क्षेत्र में और अधिक वृद्धि होने की संभावना जताई...
बिजनस डेस्क: ग्लोबल डेटा रिपोर्ट के अनुसार, भारत का आईपीओ (Initial Public Offering) बाजार 2023 में 5.5 बिलियन डॉलर से बढ़कर 2024 में 11.2 बिलियन डॉलर तक पहुंच गया है, जो कि एक ऐतिहासिक मील का पत्थर है। 2025 में इस क्षेत्र में और अधिक वृद्धि होने की संभावना जताई जा रही है, खासकर खुदरा निवेशकों की बढ़ती भागीदारी और विदेशी निवेशकों की ताकत के कारण।
आईपीओ में तेजी
ग्लोबल डेटा में कंपनी प्रोफाइल विश्लेषक मूर्ति ग्रांधी ने कहा कि भारत का आईपीओ बाजार 2024 में तेजी से बढ़ेगा और 11.2 बिलियन डॉलर तक पहुंच जाएगा। इसके बाद 2025 में और भी बड़ी सफलता की उम्मीद जताई जा रही है। यह वृद्धि निवेशकों के विश्वास और सरकार द्वारा बुनियादी ढांचे के विकास पर जोर देने के कारण हो रही है। इसके साथ ही प्राइवेट पूंजीगत खर्च में भी वृद्धि हुई है, जिसने इस बाजार को मजबूत किया है। ग्रांधी ने बताया कि भारत के आईपीओ में यह उछाल सिर्फ एक संख्यात्मक उपलब्धि नहीं है, बल्कि यह भारत के वित्तीय पारिस्थितिकी तंत्र के विकास और लचीलेपन को दर्शाता है, जो इसे पूंजी जुटाने के वैश्विक केंद्र के रूप में स्थापित कर रहा है।
2024 के प्रमुख आईपीओ
2024 में भारत में कई बड़ी कंपनियों ने आईपीओ के माध्यम से भारी रकम जुटाई है। इनमें प्रमुख कंपनियाँ हैं:
- हुंडई मोटर का 3.3 बिलियन डॉलर का आईपीओ
- स्विगी का 1.3 बिलियन डॉलर का आईपीओ
- एनटीपीसी ग्रीन एनर्जी का 1.2 बिलियन डॉलर का आईपीओ
- विशाल मेगा मार्ट का 0.9 बिलियन डॉलर का आईपीओ
- बजाज हाउसिंग फाइनेंस का 0.8 बिलियन डॉलर का आईपीओ
इन बड़े आईपीओ से भारतीय बाजार को एक नई दिशा मिली है और निवेशकों का विश्वास बढ़ा है।
एशिया-प्रशांत में भारत की प्रमुखता
एशिया-प्रशांत (APAC) क्षेत्र में भी आईपीओ गतिविधि में महत्वपूर्ण वृद्धि देखी गई है। भारत ने इस क्षेत्र में शीर्ष प्रदर्शनकर्ता के रूप में उभरते हुए 200 से अधिक कंपनियों को सार्वजनिक किया। इस क्षेत्र में कुल 604 आईपीओ हुए, जिससे 33.9 बिलियन डॉलर की राशि जुटाई गई, जो 2023 की तुलना में 21.5 प्रतिशत अधिक है।
अन्य देशों का प्रदर्शन
- जापान में 275.1 प्रतिशत की अभूतपूर्व वृद्धि हुई, जहां 69 आईपीओ ने 12.6 बिलियन डॉलर जुटाए।
- मलेशिया में 145.9 प्रतिशत की वृद्धि हुई, जहां 36 आईपीओ ने 1.1 बिलियन डॉलर जुटाए।
- चीन में आईपीओ की संख्या में 51.3 प्रतिशत की गिरावट आई, जिसके कारण 64 आईपीओ ने 5.2 बिलियन डॉलर से अधिक जुटाए।
प्रौद्योगिकी और संचार क्षेत्र की भूमिका
एशिया-प्रशांत क्षेत्र में प्रौद्योगिकी और संचार क्षेत्र ने आईपीओ गतिविधियों का नेतृत्व किया, जिसमें 118 लेनदेन से 3.8 बिलियन डॉलर जुटाए गए। इसके बाद वित्तीय सेवा क्षेत्र का स्थान रहा, जिसमें 60 सौदों से 2.6 बिलियन डॉलर जुटाए गए।
वैश्विक ट्रेंड
वैश्विक स्तर पर भी 2025 में आईपीओ बाजार 2024 के रिकॉर्ड को पार कर सकता है, क्योंकि पहले से ही एक मजबूत पाइपलाइन मौजूद है। हालांकि, इसका प्रभाव वैश्विक कारकों जैसे फेडरल रिजर्व के दर निर्णयों और उभरते बाजारों के प्रदर्शन पर निर्भर करेगा।