Edited By jyoti choudhary,Updated: 03 Jun, 2024 01:16 PM
भारत के विनिर्माण क्षेत्र में मई में लगातार दूसरे महीने वृद्धि दर धीमी रही लेकिन वैश्विक बिक्री में 13 वर्षों में सर्वाधिक वृद्धि के साथ यह क्षेत्र विस्तार की स्थिति में बना रहा। सोमवार को जारी एक मासिक सर्वेक्षण में यह बात सामने आई। मौसमी रूप से...
नई दिल्लीः भारत के विनिर्माण क्षेत्र में मई में लगातार दूसरे महीने वृद्धि दर धीमी रही लेकिन वैश्विक बिक्री में 13 वर्षों में सर्वाधिक वृद्धि के साथ यह क्षेत्र विस्तार की स्थिति में बना रहा। सोमवार को जारी एक मासिक सर्वेक्षण में यह बात सामने आई। मौसमी रूप से समायोजित 'एचएसबीसी इंडिया विनिर्माण क्रय प्रबंधक सूचकांक' (पीएमआई) मई में घटकर 57.5 हो गया जो अप्रैल में 58.8 था। मार्च में सूचकांक 16 वर्ष के उच्चतम स्तर 59.1 पर पहुंच गया था। पीएमआई के तहत 50 से ऊपर सूचकांक होने का मतलब उत्पादन गतिविधियों में विस्तार है जबकि 50 से नीचे का आंकड़ा गिरावट को दर्शाता है।
एचएसबीसी की वैश्विक अर्थशास्त्री मैत्रेयी दास ने कहा, ‘‘विनिर्माण क्षेत्र मई में विस्तार के दायरे में रहा, यद्यपि इसकी गति धीमी रही जिसका कारण नए ठेकों और उत्पादन में मंदी रही।'' दास ने कहा कि मंदी का कारण भीषण गर्मी के बीच कामकाजी घंटों में कमी और उत्पादन लागत में वृद्धि बताया जा रहा है। सर्वेक्षण के अनुसार, प्रतिस्पर्धा और चुनाव संबंधी व्यवधानों के कारण वृद्धि अवरुद्ध हुई है। कुल बिक्री के रुझान के विपरीत मई में नए निर्यात ठेकों में तीव्र गति से वृद्धि हुई है।
अंतरराष्ट्रीय बिक्री में यह उछाल 13 वर्षों में सबसे अधिक रहा, क्योंकि विनिर्माताओं को अफ्रीका, एशिया, अमेरिका, यूरोप और पश्चिम एशिया के कई देशों में ग्राहकों से लाभ प्राप्त हुआ है। साथ ही मार्च 2005 में आंकड़ा संग्रहण शुरू होने के बाद से विनिर्माण क्षेत्र में रोजगार में सबसे अधिक वृद्धि देखी गई। एचएसबीसी इंडिया विनिर्माण पीएमआई को एसएंडपी ग्लोबल ने करीब 400 कंपनियों के एक समूह में क्रय प्रबंधकों को भेजे गए सवालों के जवाबों के आधार पर तैयार किया है।