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भारत में दालों का आयात 7 साल के उच्च स्तर पर, मटर की बढ़ती हिस्सेदारी से घरेलू किसान चिंतित

Edited By jyoti choudhary,Updated: 12 Apr, 2025 12:36 PM

india s pulses imports at 7 year high rising share of peas worries

सरकार द्वारा बनाए गए अनुकूल कर ढांचे और अधिकांश दालों पर आयात शुल्क को शून्य रखने के चलते वित्त वर्ष 2025 में भारत का दलहन आयात 7 साल के उच्चतम स्तर 67 लाख टन तक पहुंचने की संभावना है। इस नीति का उद्देश्य घरेलू आपूर्ति को बनाए रखना और बाजार में...

बिजनेस डेस्कः सरकार द्वारा बनाए गए अनुकूल कर ढांचे और अधिकांश दालों पर आयात शुल्क को शून्य रखने के चलते वित्त वर्ष 2025 में भारत का दलहन आयात 7 साल के उच्चतम स्तर 67 लाख टन तक पहुंचने की संभावना है। इस नीति का उद्देश्य घरेलू आपूर्ति को बनाए रखना और बाजार में कीमतों को नियंत्रण में रखना है।

पीली मटर बना सबसे बड़ा आयातित दलहन

दालों के बढ़ते आयात में सबसे बड़ा योगदान पीली मटर का रहा है। FY25 में अब तक भारत ने करीब 20.4 लाख टन पीली मटर का आयात किया है, जो कुल आयात का 31% है। यह वर्ष 2017-18 के बाद मटर का सर्वाधिक आयात है। मटर मुख्य रूप से ऑस्ट्रेलिया, कनाडा और रूस से आयात की गई है।

पीली मटर की कीमतें भारत में आयातित होने के बाद भी प्रमुख दलहनों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) से कम बनी हुई हैं। यह स्थिति घरेलू किसानों के लिए चिंता का कारण बन रही है, क्योंकि इससे दाल उत्पादन के प्रति उनकी रुचि कम हो सकती है। विशेषज्ञों का मानना है कि यदि यह प्रवृत्ति जारी रही, तो किसान अन्य फसलों की ओर रुख कर सकते हैं, जिससे घरेलू उत्पादन प्रभावित होगा।

मटर के बाद देसी चना और मसूर का आयात भी बढ़ा

मटर के बाद देसी चना और मसूर ऐसे प्रमुख दलहन हैं जिनका आयात लगातार बढ़ रहा है। व्यापारियों का कहना है कि जब तक पीली मटर के आयात को नियंत्रित करने के लिए नीतिगत हस्तक्षेप या सीमा नियंत्रण जैसे ठोस कदम नहीं उठाए जाते, तब तक यह ट्रेंड जारी रह सकता है।
 

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