Edited By jyoti choudhary,Updated: 27 Jul, 2024 05:41 PM
एसऐंडपी (S&P) ग्लोबल रेटिंग्स ने शुक्रवार को कहा कि भारत की सॉवरेन रेटिंग घटाए जाने की संभावना नहीं है। रेटिंग एजेंसी का मानना है कि जब तक भारत की राजकोषीय स्थिति में कोई गंभीर गिरावट नहीं आती, तब तक रेटिंग में बदलाव नहीं होगा।
बिजनेस डेस्कः एसऐंडपी (S&P) ग्लोबल रेटिंग्स ने शुक्रवार को कहा कि भारत की सॉवरेन रेटिंग घटाए जाने की संभावना नहीं है। रेटिंग एजेंसी का मानना है कि जब तक भारत की राजकोषीय स्थिति में कोई गंभीर गिरावट नहीं आती, तब तक रेटिंग में बदलाव नहीं होगा।
राजकोषीय और ऋण संबंधी आकलन
एशिया प्रशांत सॉवरेन रेटिंग पर अपनी रिपोर्ट में S&P ने कहा, "हमारे राजकोषीय और ऋण संबंधी आकलन फिलहाल भारत पर हमारी रेटिंग के लिए कमजोर समर्थन कर रहे हैं। हालांकि, जब तक राजकोषीय स्थिति में कोई गंभीर गिरावट नहीं आती, हमें नहीं लगता कि भारत की सॉवरेन रेटिंग इन्वेस्टमेंट ग्रेड से नीचे गिरेगी।"
संसदीय चुनाव के परिणाम
S&P ने कहा कि हाल के संसदीय चुनाव के परिणामों से भारत के राजकोषीय सुधारों पर कोई बड़ा नकारात्मक असर पड़ने के संभावना नहीं हैं।
कर राजस्व में वृद्धि: देश का कर राजस्व 10 साल के उच्चतम स्तर पर पहुंच गया है, जिससे सरकारी निवेश सकल घरेलू उत्पाद (GDP) के लगभग 4 प्रतिशत तक बढ़ गया है।
भविष्य की संभावनाएंः S&P ने उम्मीद जताई है कि नई भाजपा सरकार यह सुधार जारी रखेगी, भले ही उसे संसद में पूर्ण बहुमत नहीं है।
घाटे में कमी की संभावना
S&P ने यह भी कहा है कि अगले 2 से 3 साल में कर राजस्व बढ़ने से घाटे में कमी आ सकती है। रिपोर्ट के अनुसार, "अगर भारत का राजकोषीय घाटा उल्लेखनीय रूप से कम होता है, तो हम भारत की रेटिंग बढ़ा सकते हैं।"
S&P ने दी चेतावनी
हालांकि एसऐंडपी (S&P) ने चेतावनी दी है कि अगर देश की संस्थागत क्षमता कम होती है और टिकाऊ सार्वजनिक वित्त बरकरार रखने की राजनीतिक प्रतिबद्धता में कमी आती है, तो वह रेटिंग का दृष्टिकोण स्थिर कर सकता है।