Edited By jyoti choudhary,Updated: 20 May, 2024 02:02 PM
विदेश निवेशक (एफपीआई) चुनावी घबराहट, अस्थिर वैश्विक माहौल, ब्याज दरों में कटौती पर अनिश्चितता और मुनाफावसूली के कारण भारतीय शेयर बाजार से पैसा निकाल रहे हैं। उन्होंने इस साल अब तक ₹26,000 करोड़ की निकासी की है। इसके उलट घरेलू म्यूचुअल फंड और घरेलू...
मुंबईः विदेश निवेशक (एफपीआई) चुनावी घबराहट, अस्थिर वैश्विक माहौल, ब्याज दरों में कटौती पर अनिश्चितता और मुनाफावसूली के कारण भारतीय शेयर बाजार से पैसा निकाल रहे हैं। उन्होंने इस साल अब तक ₹26,000 करोड़ की निकासी की है। इसके उलट घरेलू म्यूचुअल फंड और घरेलू संस्थागत निवेशक (डीआइआई) भारतीय शेयर बाजार में जमकर निवेश कर रहे हैं। 2024 में म्यूचुअल फंड ने इक्विटी में 1.30 लाख करोड़ रुपए निवेश किया है।
यह भारतीय बाजारों के लिए एक बड़ा संकेत है, क्योंकि अब भारतीय बाजार की विदेशी धन पर निर्भरता घट रही है। विदेशी निवेशकों की लगातार बिकवाली के बावजूद भारतीय बाजार में कोई बड़ा भूचाल नहीं आया है, क्योंकि म्यूचुअल फंड के साथ डीआइआइ खूब खरीदारी कर रहे है। खुदरा निवेशक भी इनका साथ बखूबी निभा रहे हैं। खुदरा निवेशकों का एसआइपी के जरिए मासिक निवेश भी 20,000 करोड़ रुपए के पार निकल गया है, जिनमें 85% से अधिक हिस्सेदारी इक्विटी फंड्स की है। विदेशी निवेशकों की बिकवाली के बावजूद 2024 में सेंसेक्स-निफ्टी करीब 3% चढ़ा है।
ये फैक्टर इस हफ्ते तय करेंगे बाजार की चाल
कंपनियों के तिमाही नतीजे, वैश्विक रुझान और विदेशी निवेशकों की कारोबारी गतिविधियां इस सप्ताह शेयर बाजार का रुख तय करेंगी। विश्लेषकों के मुताबिक, आम चुनाव की वजह से निवेशक अभी सतर्क रुख अपना सकते हैं। मुंबई में लोकसभा चुनाव के कारण सोमवार को शेयर बाजार बंद रहेंगे। इस हफ्ते 486 कंपनियों के मार्च तिमाही नतीजे आएंगे। कंपनियों के बेहतर नतीजे असमंजस में फंसे बाजार को कुछ राहत प्रदान कर सकते हैं।