Edited By jyoti choudhary,Updated: 07 Jun, 2024 04:55 PM
भारत की मजबूत वृद्धि के चलते पूंजी तक पहुंच और कर लाभ के लिए विदेश जाने वाले स्टार्टअप अब ‘घर' लौट रहे हैं। एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने यह बात कही है। वाणिज्य सचिव सुनील बर्थवाल ने कहा कि डिजिटल अर्थव्यवस्था के साथ ही कृत्रिम मेधा (एआई) जैसी उभरती...
नई दिल्लीः भारत की मजबूत वृद्धि के चलते पूंजी तक पहुंच और कर लाभ के लिए विदेश जाने वाले स्टार्टअप अब ‘घर' लौट रहे हैं। एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने यह बात कही है। वाणिज्य सचिव सुनील बर्थवाल ने कहा कि डिजिटल अर्थव्यवस्था के साथ ही कृत्रिम मेधा (एआई) जैसी उभरती प्रौद्योगिकियां और डेटा सेंटर भविष्य में भारत की वृद्धि की कुंजी हैं। बर्थवाल भारत में विभिन्न निवेश अवसरों को प्रदर्शित करने के लिए वाणिज्य मंत्रालय द्वारा सिंगापुर में आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे।
सिंगापुर में समृद्धि के लिए हिंद-प्रशांत आर्थिक मसौदा (आईपीईएफ) स्वच्छ अर्थव्यवस्था निवेशक मंच के उद्घाटन के मौके पर इस कार्यक्रम का आयोजन किया गया था। बर्थवाल ने इस बात पर जोर दिया कि कैसे भारत की वृद्धि दर अन्य उभरती बाजार अर्थव्यवस्थाओं की तुलना में लगभग दोगुनी है। मंत्रालय ने शुक्रवार को बयान में कहा, ‘‘बर्थवाल ने बताया कि मजबूत वृद्धि रिवर्स फ्लिपिंग (भारतीय मूल की कंपनियों का भारत में वापस लौटना) को बढ़ावा दे रही है। भारतीय स्टार्टअप, जो कभी पूंजी तक पहुंच और कर लाभ के लिए विदेश चले गए थे, अब स्वदेश लौट रहे हैं।''
मार्च, 2024 में समाप्त हुए वित्त वर्ष में भारत की अर्थव्यवस्था 8.2 प्रतिशत बढ़ी है, जिसने देश को दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ने वाली प्रमुख अर्थव्यवस्था बनाया है। देश में एक लाख से अधिक स्टार्टअप इकाइयां हैं, जिन्हें सरकार ने मान्यता दी है। बैठक में 60 से अधिक प्रतिभागियों ने भाग लिया। इनमें अमेरिका, सिंगापुर, जापान, ऑस्ट्रेलिया, दक्षिण कोरिया और अन्य देशों के वैश्विक निवेशकों साथ ही भारत के निजी क्षेत्र और सरकारी अधिकारी शामिल थे। कार्यक्रम में टेमासेक, ग्लोबल इन्फ्रास्ट्रक्चर पार्टनर्स, गारंटको, प्राइवेट इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट ग्रुप (पीआईडीजी), गोल्डमैन सैक्स, आई स्क्वैयर्ड कैपिटल, मिजुहो बैंक लिमिटेड, एडवांटेज पार्टनर्स, नोमुरा, डीबीएस बैंक और सिटी बैंक जैसे निवेशक और वित्तीय संस्थान शामिल हुए।