Edited By jyoti choudhary,Updated: 10 Mar, 2025 02:56 PM
ब्रिटेन की राजधानी ने अनुमानित 27 अरब पाउंड का अतिरिक्त कर राजस्व हासिल करने के लिए एक महत्वाकांक्षी नई ‘वृद्धि योजना' का अनावरण किया है। इसमें भारत को प्रत्यक्ष विदेशी निवेश के मामले में नंबर एक स्रोत बाजार माना गया है। इस बढ़े हुए राजस्व से लंदन...
लंदनः ब्रिटेन की राजधानी ने अनुमानित 27 अरब पाउंड का अतिरिक्त कर राजस्व हासिल करने के लिए एक महत्वाकांक्षी नई ‘वृद्धि योजना' का अनावरण किया है। इसमें भारत को प्रत्यक्ष विदेशी निवेश के मामले में नंबर एक स्रोत बाजार माना गया है। इस बढ़े हुए राजस्व से लंदन और देश भर में महत्वपूर्ण सार्वजनिक सेवाओं को वित्तपोषित करने की योजना है।
हाल में लंदन के मेयर सादिक खान ने वृद्धि एजेंसी लंदन एंड पार्टनर्स के साथ मिलकर वृद्धि योजना का अनावरण किया। इसका उद्देश्य अगले दशक में उत्पादकता वृद्धि को औसतन दो प्रतिशत सालाना पर बहाल करना है। इससे उम्मीद है कि 2035 तक लंदन की अर्थव्यवस्था काफी बड़ी हो जाएगी। भारत पिछले तीन साल से वृद्धि की राह पर है और 2022-23 में यह अमेरिका को पीछे छोड़कर लंदन का सबसे बड़ा एफडीआई स्रोत बाजार बन गया और यह क्रम 2023-24 तक जारी रहा।
लंदन एंड पार्टनर्स की मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) लॉरा सिट्रोन ने कहा, ‘‘भारत से प्रत्यक्ष विदेशी निवेश सबसे तेजी से बढ़ रहा है और पिछले दो वर्षों से यह हमारा शीर्ष बाजार रहा है।''