Edited By jyoti choudhary,Updated: 24 Oct, 2024 10:50 AM
ICRA की रिपोर्ट के अनुसार, भारतीय परिधान निर्यातकों को वित्त वर्ष 2025 में 9-11 प्रतिशत की राजस्व वृद्धि का अनुमान है। यह वृद्धि मुख्य रूप से प्रमुख बाजारों में खुदरा इन्वेंट्री के धीरे-धीरे खत्म होने और जोखिम कम करने की रणनीति के तहत भारत की ओर...
बिजनेस डेस्कः ICRA की रिपोर्ट के अनुसार, भारतीय परिधान निर्यातकों को वित्त वर्ष 2025 में 9-11 प्रतिशत की राजस्व वृद्धि का अनुमान है। यह वृद्धि मुख्य रूप से प्रमुख बाजारों में खुदरा इन्वेंट्री के धीरे-धीरे खत्म होने और जोखिम कम करने की रणनीति के तहत भारत की ओर वैश्विक सोर्सिंग के स्थानांतरण से प्रेरित होगी। वित्त वर्ष 2024 में निर्यात उच्च इन्वेंट्री, धीमी मांग, आपूर्ति श्रृंखला समस्याओं और पड़ोसी देशों से कड़ी प्रतिस्पर्धा के कारण प्रभावित हुआ था।
रिपोर्ट बताती है कि दीर्घकालिक दृष्टिकोण अनुकूल है, जिसमें उत्पादन लिंक्ड प्रोत्साहन (PLI) योजना, निर्यात प्रोत्साहन और यूके और ईयू के साथ संभावित मुक्त व्यापार समझौते जैसे सरकारी उपायों का बड़ा योगदान होगा।
अमेरिका और ईयू क्षेत्र, जो 2023 में $9.3 बिलियन के निर्यात का दो-तिहाई हिस्सा रखते हैं, भारतीय परिधान के प्राथमिक गंतव्य बने हुए हैं। वित्त वर्ष 2025 की पहली छमाही में, परिधान निर्यात में 9 प्रतिशत की साल-दर-साल वृद्धि हुई।
हालांकि, कुछ बाजारों में मांग की अनिश्चितता, भू-राजनीतिक मुद्दे और बढ़ती श्रम लागत जैसी चुनौतियां बनी हुई हैं। इसके बावजूद, ICRA का मानना है कि PM मेगा इंटीग्रेटेड टेक्सटाइल रीजन एंड अपैरल योजना से भारत की उपस्थिति को वैश्विक बाजार में और मजबूती मिलेगी।