Edited By jyoti choudhary,Updated: 09 Sep, 2024 04:30 PM
भारतीय ऑटोमोटिव उद्योग ने वित्त वर्ष 2024 में 20 लाख करोड़ रुपए का महत्वपूर्ण आंकड़ा पार कर लिया है, जो कुल जीएसटी योगदान का 14-15 प्रतिशत है। सियाम के अध्यक्ष विनोद अग्रवाल ने कहा कि यह उद्योग देश में प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार में भी बड़ा...
नई दिल्लीः भारतीय ऑटोमोटिव उद्योग ने वित्त वर्ष 2024 में 20 लाख करोड़ रुपए का महत्वपूर्ण आंकड़ा पार कर लिया है, जो कुल जीएसटी योगदान का 14-15 प्रतिशत है। सियाम के अध्यक्ष विनोद अग्रवाल ने कहा कि यह उद्योग देश में प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार में भी बड़ा योगदान दे रहा है। अग्रवाल ने यह भी बताया कि भारतीय ऑटोमोटिव उद्योग की वैश्विक स्थिति में सुधार हो रहा है और भारत अब तीसरा सबसे बड़ा यात्री वाहन, सबसे बड़ा दोपहिया-तिपहिया और तीसरा सबसे बड़ा वाणिज्यिक वाहन बाजार बन गया है।
स्वदेशी उत्पादन और आयात निर्भरता कम करने पर जोर देते हुए अग्रवाल ने कहा कि 2019-20 के आधार से 2025 तक आयात सामग्री को 60% से घटाकर 20% करने का लक्ष्य है। पहले दो वर्षों में 5.8% की कमी हासिल की गई है। इसके साथ ही 50 महत्वपूर्ण घटकों की पहचान की गई है, जिन्हें भारत में निर्मित करने का प्रयास किया जा रहा है।
उद्योग ने सीएनजी, इलेक्ट्रिक और हाइब्रिड वाहनों में भी क्षमता विकसित की है और हाइड्रोजन और ईंधन सेल प्रौद्योगिकियों पर काम कर रहा है। स्वच्छ और सुरक्षित वाहनों पर ध्यान केंद्रित करते हुए, 2024 से 2047 तक तीसरी ऑटोमोटिव मिशन योजना पर भी काम किया जा रहा है, जिससे भारतीय ऑटोमोटिव उद्योग को अगले तीन दशकों में विकास के तीन चरणों में विस्तारित किया जाएगा।